
फोटो सोर्स : Patrika: भटगांव भूमि अधिग्रहण घोटाले में जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
IAS अभिषेक प्रकाश घोटाला 2025: उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक बार फिर सनसनीखेज मामला सामने आया है। निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ राजस्व विभाग ने गंभीर आरोपों वाली चार्जशीट नियुक्ति विभाग को सौंप दी है। अभिषेक प्रकाश को भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में पहले ही निलंबित किया जा चुका है, और अब चार्जशीट के आने के बाद मामला और गंभीर हो गया है।
अभिषेक प्रकाश जब सिद्धार्थनगर जिले में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे, तब भटगांव क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान भारी अनियमितताएं सामने आईं।
राजस्व विभाग ने इस मामले में कई दौर की फील्ड जांच, दस्तावेजी जांच और गवाहों के बयान के बाद रिपोर्ट तैयार की है। जांच में पाया गया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में ना केवल मूल्यांकन में गड़बड़ी की गई, बल्कि शासन के दिशा-निर्देशों की भी अनदेखी हुई।
अब यह चार्जशीट नियुक्ति विभाग (Department of Personnel) के पास पहुंच गई है, जो इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का अगला कदम उठाएगा। संभव है कि:
अभिषेक प्रकाश 2010 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे लखनऊ, सिद्धार्थनगर, प्रयागराज समेत कई जिलों में तैनात रह चुके हैं। लखनऊ में बतौर DM उनके कार्यकाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और इन्वेस्टर्स समिट को लेकर वे चर्चा में रहे। लेकिन प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर उन पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
IAS अधिकारी पर इतने गंभीर आरोप लगने से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे सरकार की "लचर नौकरशाही निगरानी" बताया है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि "किसी को नहीं बख्शा जाएगा।"
भटगांव और आसपास के क्षेत्रों में जहां जमीन अधिग्रहण हुआ था, वहां के किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन पर भारी नाराज़गी जताई है। कई लोगों का कहना है कि उन्हें आज तक उचित मुआवजा नहीं मिला, जबकि कुछ के नाम रिकॉर्ड में ही नहीं थे।
यह मामला अब एक हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार जांच की दिशा में बढ़ सकता है। यदि जांच में लगाए गए आरोप साबित होते हैं तो IAS अभिषेक प्रकाश की नौकरी भी जा सकती है और उन्हें आपराधिक मामलों का सामना भी करना पड़ सकता है।
Published on:
31 May 2025 02:23 pm
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