scriptUP: अस्पतालों का नाम उर्दू में लिखने का आदेश देना स्वास्थ्य अधिकारी को पड़ा महंगा, हुए निलंबित | Health officer suspended for ordering to write names of hospitals in Urdu in UP | Patrika News

UP: अस्पतालों का नाम उर्दू में लिखने का आदेश देना स्वास्थ्य अधिकारी को पड़ा महंगा, हुए निलंबित

locationलखनऊPublished: Sep 14, 2022 10:35:17 am

Submitted by:

Jyoti Singh

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो का नाम हिंदी के अलावा उर्दू में लिखने का आदेश जारी करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. तबस्सुम खान को निलंबित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि संयुक्त निदेशक डॉ. तबस्सुम खान को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप के चलते निलंबित कर दिया गया है।

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कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो का नाम हिंदी के अलावा उर्दू में भी लिखने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन अब ये आदेश देने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. तबस्सुम खान को निलंबित कर दिया गया है। ये कार्रवाई अस्पताल और स्टाफ का नाम उर्दू में लिखवाए जाने के तहत की गई है। आरोप है कि डॉ. तबस्सुम खान ने आदेश जारी करने से पहले स्वास्थ्य विभाग के अन्य आला अफसरों को भी विश्वास में नहीं लिया था। बता दें कि डॉ. तबस्सुम महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक प्राथमिक स्वास्थ्य के पद पर तैनात थे। मंगलवार को यूपी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।
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लापरवाही के आरोप के चलते किया निलंबित

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. तबस्सुम खान ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वह राज्य में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर लगे साइनबोर्ड को उर्दू में लिखवाना सुनिश्चित कराएं। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि संयुक्त निदेशक डॉ. तबस्सुम खान को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप के चलते निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी आदेश जारी करने की प्रक्रिया का उसके द्वारा पालन नहीं किया गया था। साइनबोर्ड उर्दू में लिखे जाने को सुनिश्चित करने के लिए सीएमओ को निर्देश देने का आदेश भी उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए बिना जारी किया गया था।
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एक सितंबर को जारी किया गया था आदेश

गौरतलब है कि सितंबर महीने के पहली तारीख को एक आदेश जारी हुआ था। आदेश में, खान ने कहा कि उन्नाव के मोहम्मद हारून ने शिकायत की थी कि कई सरकारी विभाग राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा होने के बावजूद साइनेज पर उर्दू को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी सीएमओ को सलाह दी गई है कि वे सभी अस्पतालोंए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उर्दू में भी साइनबोर्ड पर जानकारी ले जाने के लिए जारी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें।
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