
File Photo of Flood in UP
मध्य प्रदेश और उत्तरखंड में हो रही तेज बारिश की वजह से अब उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में तेजी से बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। गंगा, यमुना, सरयू, टोंस जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ्ने से लाखों लोग बेघर होने की कगार पर हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वांचल के पांच मंडल के 20 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। दूसरे प्रदेशों में हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा-यमुना नदियों में जलस्तर तेजी में साथ बढ़ रहा है।
मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से गंगा, टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। अब गंगा-यमुना का भी जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। प्रयागराज सिंचाई बाढ़ नियंत्रण के जानकारी के अनुसार, बुधवार रात 8 बजे तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.09 पहुंच गया। जबकि मंगलवार को यह 77.19 था। छतनाग में जल स्तर 71.50 मीटर नापा गया। नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 77.64 मीटर दर्ज हुआ, जो कि मंगलवार को 76.85 सेंटीमीटर था।
निगरानी के लिए तैयार हुआ सरकारी अमला
नदियों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की टीम निगरानी में लग गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जलस्तर बढ़ने के बाद तीर्थ पुरोहित अपने तख़्त सामान समेटकर पीछे आने लगे हैं। इसके साथ ही दुकान लगाने वाले दुकानदार भी पीछे हटने लगे हैं। पानी बढ़ने से कई घाट डूब गए हैं।
खतरे के निशान 1 सेंटीमीटर दूर सरयू नदी
सरयू नदी का पानी खतरे के निशान से महज एक सेंटीमीटर दूर है। गुरुवार को सरयू का जलस्तर 92.730 खतरे के निशान से एक सेंटीमीटर नीचे 91.32 दर्ज किया गया। वहां बाढ़ का संकट गहराया है। गुरुवार सुबह 8 बजे तक करीब 2,69,842 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
Published on:
28 Jul 2022 07:34 pm
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