
railway ticket counter
Tatkal Ticket: आईआरसीटीसी या मोबाइल ऐप पर टिकट बुक करने में औसतन दो मिनट का समय लगता है। नतीजतन जब तक ट्रेन बुकिंग प्रोसेस कंप्लीट होती है, उससे पहले ही तत्काल कंफर्म सीटें बुक हो जाती हैं। हमारे हाथ में बस वेटिंग टिकट ही रह जाता है। वहीं टिकट बुक करने वाले दलाल कुछ ही सेकेंड में ही टिकट कंफर्म करा देते हैं। आइए जानें पूरा खेल।
रेलवे के जानकारों के मुताबिक, तत्काल ही नहीं जनरल रिजर्वेशन टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही सभी कन्फर्म टिकट कुछ ही देर में बुक हो जा रहे। दलाल व्यवस्था में पूरी तरह सेंध लगा चुके हैं। स्टेशनों के बाहर शहर, कस्बा और दूर-दराज गांवों में बैठे दलालों की पकड़ स्टेशन के अंदर तक पहुंच गई है।
स्टेशन के बाहर दुकानों में बैठे दलाल गदर,नेक्सस, इन कैश, मोबिल एडिट, सीकैश नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर पलक झपकते ही कन्फर्म तत्काल हैक कर ले रहे। इसमें टिकट बुक करने वाले प्राइवेट और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) के एजेंट भी शामिल हैं।
जो एक-दो टिकट बच बच रहे उसे दलाल रेलकर्मियों के सहयोग से काउंटरों से बुक कर ले रहे। रेलकर्मियों की मिलीभगत से वे रेलवे के काउंटरों से किसी भी नाम से से कन्फर्म टिकट बुक करा ले रहे। बदले में प्रति टिकट एक से पांच हजार रुपये ले रहे हैं।पिछले साल उत्तर रेलवे ने अभियान चलाकर पूरे देश में 12 हजार से अधिक दलालों को पकड़ा था, लेकिन जेल से छूटने के बाद सभी दोबारा से एक्टिव हो हो गए हैं। लखनऊ में इनकी संख्या 144 रही।
ट्रेन के कुल आरक्षित टिकटों का करीब चालीस प्रतिशत तत्काल के लिए रिजर्व होता है। एसी टिकटों की बुकिंग सुबह 10.00 से और स्लीपर क्लास के टिकटों की 11.00 से होती है। तत्काल टिकट का किराया सामान्य से डेढ़ गुना ज्यादा लगता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर और फर्जी आईडी से टिकट बनाने वाले एजेंटों पर कार्रवाई के लिए आरपीएफ ने टीम बनाई है। रिजर्वेशन खिड़की पर भी पर सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। आरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है।
आईआरसीटीसी के अलावा रेल टिकट बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट पर पेटीएम, कंफर्म टिकट, मेक माई ट्रिप, गोआईबीबो, स्वारेल आदि पर जाकर यात्री अपना रेल टिकट बुक कर सकते हैं।
Updated on:
25 Mar 2025 12:47 pm
Published on:
04 Mar 2025 01:23 pm
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