
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश के कहर जारी है। बाढ़ प्रभावित जिलों में मदद के लिए सेना पहुंच चुकी है। एयरफोर्स बाढ़ प्रभावित इलाकों में खाने पीने की सुविधा पहुंचाने के साथ-साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तीन हेलिकॉप्टरों को तैनात किया है। एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टर के जरिए करीब पांच हजार किलो राहत सामाग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाई है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। काशी में गंगा खतरे के निशान से करीब 13 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जानकीनगर, मारुति नगर, सामने घाट, अस्सी घाट समेत वरुणा पार इलाके के दर्जनों कॉलोनियों में गंगा का पानी घुस चुका है। घर पानी में जलमग्न हो चुके हैं। यहां रहने वाले लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
काशी की गलियों में चल रही है नाव
काशी का अस्सी घाट भी पानी-पानी हो चुका है। अस्सी पर करीब दस फुट से ज़्यादा पानी पहुंच चुका है। घाट पर सभी गतिविधियों को रोक दी गई है। घाट के पास बने रेस्तरां, दुकान और घर गंगा के पानी से जलमग्न हो चुका है। काशी की गलियों में नाव चल रही है। बाढ़ से लोग परेशान हैं। कारोबार पूरी तरह से ठप है। कोरोना के साथ-साथ बाढ़ के संकट ने लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी कर दी है।
गंगा-यमुना ने लिया विकराल रुप
प्रयागराज में भी गंगा और यमुना नदी दोनों ही नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ में हजारों मकान पूरी तरह से डूब गए हैं। तराई वाले इलाकों में एक मंजिल तक पानी भरा है। प्रशासन ने बाढ़ को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया है। वाराणसी के तरह ही प्रयागराज के कई इलाकों की सड़कों और रास्तों पर नाव चल रही हैं। यहां बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में छात्र कमरों में फंसे हुए हैं।
कानपुर के बाजारों में नर्क जैसा हाल
कानपुर में भी बुरा हाल है। शहर में जगह-जगह पानी भरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाजारों का हाल नर्क जैसा हो गया है। सड़कों पर गाड़ियां रेंग-रेंग कर चल रही हैं। जल-जमाव और गंदगी की वजह से शहर में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
बलिया में बुरा हाल
बलिया जिले में भी गंगा तबाही मचा रही है। निचले इलाके बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। घरों में पानी घुस गया है। एनडीआरएफ की टीमें इन इलाकों से लोगों को निकाल सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है। सबसे बुरा हाल शनिचरी मंदिर के आसपास के इलाके और निहोरा राय कॉलोनी का है। जिला प्रशासन ने दूसरे इलाकों के लोगों को भी सतर्क रहने को कहा है। बलिया समेत सूबे में हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो चुका है।
यमुना नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर
बांदा जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से लगभग तीन मीटर ऊपर और केन नदी लाल निशान से 1 मीटर नीचे बह रही है। जनपद के पचास से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। प्रशासन ने एहतियात के तौर बांदा-बहराइच हाइवे को बंद कर दिया है जिसकी वजह से कानपुर-लखनऊ रूट पर भी आवाजाही ठप पड़ गई है।
उन्नाव में भी गंगा बढ़ा रही मुसीबत
उन्नाव जिले में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से आस-पास के मोहल्लों में लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। सदर तहसील इलाके के गोताखोर, बालूघाट, सीताराम कॉलोनी, इन्द्रा नगर, शक्ति नगर, कटरी, रविदास नगर जलमग्न हो चुका है। यहां के लोग सुरक्षित जगहों की तरफ पलायन कर रहे हैं।
बाढ़ पर सीएम की नजर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीएम अधिकारियों को बाढ़ को लेकर निर्देश देने के साथ-साथ खुद कई जिलों का हवाई दौरा भी कर रहे हैं। सोमवार को सीएम ने इटावा, औरेया, जौलौन, हमीरपुर के आस-पास के जिलों का हवाई निरीक्षण कर हाल जाना।
Published on:
10 Aug 2021 05:17 pm
