
अब डीएम की अनुमति से ही रात में हो सकेगा अंतिम संस्कार, एसओपी जारी
यूपी में कई मामलों में रात में अंतिम संस्कार करना सरकार को भारी पड़ जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाथरस मामले रहा है। जिसमें अंतिम संस्कार को लेकर काफी बवाल हुआ। अब सरकार अलर्ट हो गई है। और ऐसी गंभीर मामलों के लिए जिसमें मृतकों का अंतिम संस्कार करना है उसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाया है। इसके साथ ही गृह विभाग ने इस एसओपी को जारी कर दिया है। इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में यह निर्देश हैं कि, अब डीएम की अनुमति के बगैर रात को अंतिम संस्कार नहीं किए जाएगे।
डीएम की अनुमति जरूरी
हाईकोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग की तैयार एसओपी में किसी घटना में मारे गए व्यक्ति के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार, यदि मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार रात में ही जरूरी है और कानून-व्यवस्था बिगड़ने की अंदेशा है तो ऐसी स्थिति में डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा। अगर डीएम को लगता है कि, अंतिम संस्कार जरूरी नहीं तो वहीं मान्य होगा।
नई एसओपी में दो स्तरीय समिति गठन
नई एसओपी में दो स्तरीय समिति गठित करने का भी प्रावधान किया गया है। पहली समिति में घटनास्थल से संबंधित गांव या मोहल्ले के लोगों की होगी। इसमें उस खास जाति के व्यक्ति को भी रखा जाएगा। जिस जाति से मृतक का ताल्लुक होगा। इसी प्रकार क्षेत्रीय उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में भी एक समिति बनेगी। इसमें क्षेत्रीय सीओ व थानाध्यक्ष रहेंगे। पहली समिति के लोग मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करेंगें और उनकी सहमति लेकर दूसरी समिति को अवगत कराएंगे।
दो नवंबर को होगी सुनवाई
राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच को बताया कि, हाथरस कांड जैसे मामलों में शवों के गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार की नई योजना एसओपी को अधिसूचित कर दिया गया है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई दो नवंबर को नियत की है। न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश शवों के गरिमापूर्ण अंतिम संस्कार का अधिकार शीर्षक से खुद संज्ञान लेकर दर्ज कराई गई पीआईएल पर सुनवाई के बाद दिया।
एसडीएम वाली कमेटी परिजनों को करेगी राजी
अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को राजी करने के लिए गृह विभाग की तैयार एसओपी में दो कमेटी का प्रावधान किया गया है। पहली कमेटी में घटनास्थल से संबंधित गांव या मोहल्ले के लोगों होंगे। यह कमेटी मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए राजी करेंगे। यदि परिजन पहली समिति की बात मानने से इंकार करते हैं तो एसडीएम की अध्यक्षता वाली समिति पहली समिति के लोगों को साथ लेकर खुद परिजनों से मिलकर उन्हें राजी करने का प्रयास करेगी।
सहमति बनने पर डीएम को भेजनी होगी रिपोर्ट
एसडीएम की अध्यक्षता वाली समिति को रात में अंतिम संस्कार करने के संबंध में मृतक के परिजनों को तैयार करना होगा और स्पष्ट कारण भी बताना होगा कि क्यों रात में अंतिम संस्कार करना जरूरी है। सहमति बनने के बाद समिति इसकी रिपोर्ट संबंधित जिले के डीएम व पुलिस अधीक्षक या कमिश्नरेट वाले शहरों में पुलिस कमिश्नर को देनी होगी। रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद ही डीएम की अनुमति पर मृतक के परिवार की सहमति लेकर रात में अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।
Published on:
24 Sept 2022 12:32 pm
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