
अवैध ऊंची इमारतों पर चलेगा बुलडोजर, हवाई सुरक्षा के नाम पर प्रशासन सख्त फोटो सोर्स : Social Media
LDA Action Lucknow Airport: हवाई सुरक्षा में बाधा बनीं 15 अवैध इमारतें, एलडीए का बुलडोजर तैयार अमौसी एयरपोर्ट के पास बनी 15 ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिलें अब गिराई जाएंगी। यह आदेश एलडीए जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी के संयुक्त सर्वे के बाद लिया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से पाया गया कि इन इमारतों की ऊंचाई नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा निर्धारित मानकों से अधिक है और यह विमानों की सुरक्षित उड़ान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रही है।
इन 15 इमारतों की ऊंचाई तय सीमा से अधिक होने के कारण एयरपोर्ट पर टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान विमानों को जोखिम का सामना करना पड़ता है। खासकर खराब मौसम, कम दृश्यता और आपातकालीन स्थितियों में ये ऊंची इमारतें हवाई सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन सकती हैं।
एलडीए जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी की संयुक्त टीम ने अमौसी एयरपोर्ट के चारों ओर के इलाकों में पिछले महीने सर्वे किया था। इस सर्वे में पाया गया कि इन इमारतों का निर्माण नियमानुसार मंजूरी के बिना हुआ है और कई मामलों में निर्माण स्वीकृति के बावजूद निर्धारित ऊंचाई से अधिक निर्माण कराया गया है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इन 15 इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा था। अधिकतर मामलों में कोई वैध अनुमति या ऊंचाई संबंधी स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि “किसी भी इमारत की ऊंचाई अगर DGCA द्वारा निर्धारित ऊंचाई सीमा से अधिक है और उससे एयर ट्रैफिक को खतरा है, तो ऐसी इमारतों पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे निर्माण किसी भी स्तर पर क्यों न हुआ हो।”
प्रशासन का यह स्पष्ट निर्देश है कि संपूर्ण इमारत को गिराने की बजाय केवल उतनी ऊंचाई तक का निर्माण हटाया जाएगा, जो निर्धारित मानक से अधिक है। यानी जिन मंजिलों की वजह से निर्माण अवैध माना गया है, उन्हें ही ढहाया जाएगा। यह प्रक्रिया एलडीए की देखरेख में होगी और ध्वस्तीकरण की लागत भी बिल्डिंग मालिकों से वसूली जाएगी।
अमौसी एयरपोर्ट (अब चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) का रनवे शहर की आबादी के बेहद करीब स्थित है। हवाई पट्टी के दोनों ओर लगभग 20 किमी के क्षेत्र में ऊंचाई नियंत्रण के दिशा-निर्देश लागू होते हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण DGCA से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त किए बिना नहीं किया जा सकता, लेकिन कई इमारतों में यह नियम नजरअंदाज किया गया है।”
सर्वे में पाया गया कि अमौसी एयरपोर्ट के ठीक पीछे सरोजिनी नगर, कृष्णा नगर, चंद्रावल, लाल कुआं और बंथरा के क्षेत्रों में कई बहुमंजिला इमारतें बनी हुई हैं। इनमें से 15 इमारतों की ऊंचाई मानकों से काफी अधिक पाई गई है। अब इन इलाकों की अन्य इमारतों की भी जांच की जाएगी।
जैसे ही नोटिस जारी हुआ और ध्वस्तीकरण की घोषणा हुई, प्रभावित बिल्डिंग मालिकों में हड़कंप मच गया है। कुछ लोग अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि कुछ ने एलडीए में ऊंचाई नियंत्रण प्रमाणपत्र (Height Clearance Certificate) के लिए आवेदन किया है। हालांकि एलडीए सूत्रों का कहना है कि अब किसी भी प्रकार की राहत मिलने की संभावना कम है, क्योंकि यह मामला सीधे हवाई सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
यह पहला मौका नहीं है जब एलडीए ने एयरपोर्ट के पास बने अवैध निर्माण पर कार्रवाई की हो। 2016 और 2020 में भी ऐसे निर्माण को लेकर शिकायतें आई थीं और कुछ निर्माण ढहाए भी गए थे। लेकिन इस बार संख्या अधिक है और प्रशासन इसे सख्ती से निपटाने के मूड में है।
डीएम विशाख जी ने कहा, "हवाई सुरक्षा के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। यदि कोई इमारत खतरा उत्पन्न कर रही है, तो उसे हटाया जाना आवश्यक है। नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” एलडीए और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम अब तकनीकी विश्लेषण के आधार पर प्रत्येक इमारत की ऊंचाई निर्धारित सीमा से कितनी अधिक है, इसका आकलन करेगी। इसके बाद संबंधित मंजिलों को ध्वस्त करने की कार्यवाही प्रारंभ होगी। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए यह कार्य चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा ताकि किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति का नुकसान न हो।
Updated on:
04 Jul 2025 01:00 pm
Published on:
04 Jul 2025 12:41 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
