
दशहरी आम की 20 फीसद फसल आंधी से बर्बाद हुई, किसान मायूस
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. Dussehra mango 20 percent crop storm Ruin Farmer Downcast : दशहरी आमों के लिए दुनिया में मशहूर लखनऊ के मलिहाबाद के आम किसान इस वक्त बेहद चिंतित है। इस वक्त हुई बारिश आम के लिए बेहद मुफीद रहती है। यह बारिश आम का आकार, रंग रूप और खुशबू को बढ़ाती है। पर तीन दिन से लगातार चली तेज आंधी ने सब कुछ खराब कर दिया। आंधी से दशहरी आम की 20 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। किसान मायूस हैं पर उम्मीद कर रहे हैं कि अब तेज आंधी नहीं आएगी। वैसे तो दशहरी आम की तुड़ाई 21 मई से शुरू हो जाएगी। दुनिया के कई देश जो दशहरी आम के दीवाने है, उन्होंने पहले से आर्डर बुक करा रखा है।
ओलावृष्टि से फूलों को भी हुआ नुकसान :- दशहरी आम के शौकीन को जून माह का इंतजार रहता है कि बस दशहरी आने वाले हैं। पर बुधवार, गुरुवार फिर शुक्रवार को आई आंधी-पानी और ओलावृष्टि से आम की फसल प्रभावित होने से आम किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। आम में गुठली न पड़ने से गिरे आम की कीमत भी न के बराबर है। उप कृषि निदेशक डाॅ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि माल व मलिहाबाद के बागवानों से बात की गई तो 15 से 20 फीसद आम के नुकसान का अनुमान है। ओलावृष्टि से फूलों को भी नुकसान हुआ है।
आम बागवानों को घबराने की जरूरत नहीं :- जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि, बागों में पानी भरने से रोग की संभावना कम हो गई है। नुकसान हवा व ओलावृष्टि से हुआ है। ऐसे में बागवानों को घबराने की जरूरत नहीं है।
भारत में दुनिया का 45 फीसद आम :- नेशनल मैंगो डेटाबेस के मुताबिक दुनिया का 45 फीसद आम भारत में होता है। हर वर्ष करीब 50 हजार टन आम दुबई, यूएई, ओमन, चीन, यूरोपियन यूनियन, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और नीदरलैंड जाता है। छह हजार मीट्रिक टन केवल यूएई, दुबई, ओमन, अमेरिका जाता है।
कई देशों के आर्डर हैं :- यूपी के आमों की सबसे ज्यादा मांग यूरोपीय देशों और दुबई, यूएई, बहरीन में है। उप्र मैंगो एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम सिद्दिकी ने बताया, पिछले साल प्रदेश के आम निर्यातकों के पास मध्य पूर्व के देशों से 800 टन का आर्डर था। इस बार भी हमारे तमाम देशों के आर्डर हैं।
Published on:
14 May 2021 03:36 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
