31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लखीमपुर खीरी हिंसा : एकल न्यायिक जांच आयोग का गठन, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे जांच

- आयोग दो महीने में सरकार को सौंपेगा अपनी रिपोर्ट - आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा

2 min read
Google source verification
लखीमपुर खीरी हिंसा : एकल न्यायिक जांच आयोग का गठन, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे जांच

लखीमपुर खीरी हिंसा : एकल न्यायिक जांच आयोग का गठन, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे जांच

लखनऊ. लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए एकल न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (HC retired judge Pradeep Kumar Srivastava) इस प्रकरण की जांच करेंगे। आयोग दो महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा।

लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ आज करेगी सुनवाई

लखीमपुर खीरी हिंसा रोज नए नए रूप ले रहा है। सरकार और विपक्षी दल फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं। वजह साफ है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 करीब आ गया है। एक जरा सा गलत फैसला सरकार के लिए भारी पड़ सकता है। इसको देखते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सरकार ने एकल न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अनुमति से इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को सौंपी गई। अधिसूचना जारी कर दी गई है। जांच पूरी करने करने के लिए दो महीने का समय निर्धारित किया गया है। आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा।

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई :- वही दिल्ली में आज सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी कांड को लेकर सुनवाई भी होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। सुनवाई से पहले सरकार ने आयोग गठित कर दिया है।

शव पर आंदोलन नहीं करना चाहते :- राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन सुप्रीमो राकेश टिकैत ने कहाकि, हमारा समझौता तो यह था कि शवों का दाह संस्कार हो जाए। हम शव पर आंदोलन नहीं करना चाहते, जो भी निर्णय लिए गए हैं उसमें परिवार और संयुक्त मोर्चा के लोगों की सहमति है।

गिरफ्तारी और बर्खास्तगी न होने पर देशव्यापी आंदोलन :- राकेश टिकैत ने कहाकि, हालात देखते हुए सरकार ने सात दिन का समय मांगा है।निर्धारित समय में यह कर्मकांड कराने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री इस्तीफा दें और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हो। निश्चित समय में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी न होने पर पगड़ी रस्म के दिन देशव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। किसान आंदोलन स्थगित नहीं हुआ है। जब तक तीनों बिल और एमएसपी की गारंटी नहीं ली जाती तब तक निरंतर जारी रहेगा।