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Lucknow Metro Phase 1B: लखनऊ मेट्रो फेज-1B को मंजूरी: 5801 करोड़ से पुराने लखनऊ तक पहुंचेगी मेट्रो

Lucknow Metro : लखनऊ के मेट्रो नेटवर्क में बड़ा विस्तार होने जा रहा है। फेज-1B को मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत 11.165 किलोमीटर लंबे नए कॉरिडोर पर ₹5801 करोड़ खर्च होंगे। इसमें 12 स्टेशन होंगे और यह पुराना लखनऊ, ऐतिहासिक बाजारों और धरोहर स्थलों को आधुनिक मेट्रो सेवा से जोड़ेगा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Aug 16, 2025

फेज-1B को मंजूरी, 11.165 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर खर्च होंगे लगभग ₹5801 करोड़ (फोटो सोर्स : Social Media/FB)

फेज-1B को मंजूरी, 11.165 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर खर्च होंगे लगभग ₹5801 करोड़ (फोटो सोर्स : Social Media/FB)

Lucknow Metro Phase-1B Approved: राजधानी लखनऊ के नागरिकों के लिए एक और खुशखबरी है। लखनऊ मेट्रो के फेज-1B को केंद्र और राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गई है। इस चरण में लगभग 11.165 किलोमीटर लंबे नए मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत करीब ₹5801 करोड़ अनुमानित है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर लखनऊ का सक्रिय मेट्रो नेटवर्क 34 किलोमीटर तक पहुँच जाएगा।

पुराना लखनऊ अब मेट्रो नेटवर्क से जुड़ने को तैयार

इस कॉरिडोर के तहत राजधानी के पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज और चौक को भी सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह इलाका अब तक ट्रैफिक जाम और संकरी गलियों के कारण मेट्रो सेवा से वंचित था। लेकिन अब ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर वाले इन क्षेत्रों तक पहुँच पहले से कहीं अधिक सहज और तेज हो जाएगी।

12 स्टेशन - 7 अंडरग्राउंड, 5 एलिवेटेड

फेज-1B के तहत कुल 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें 7 स्टेशन भूमिगत होंगे, ताकि पुराने शहर की तंग गलियों और घनी बस्तियों में भूमि अधिग्रहण की समस्या से बचा जा सके। वहीं 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जिससे आधुनिक क्षेत्रों और कनेक्टिविटी हब्स को जोड़ा जा सके।

किन-किन स्थानों को मिलेगी सुविधा

यह मेट्रो कॉरिडोर पुराने लखनऊ के कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी जोड़ेगा। इनमें मेडिकल कॉलेज, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया और रूमी दरवाजा जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इन जगहों पर रोजाना आने-जाने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा पर्यटकों के लिए भी यह यात्रा बेहद आसान और सुरक्षित हो जाएगी।

लखनऊ मेट्रो के विकास की नई तस्वीर

अब तक लखनऊ मेट्रो का नेटवर्क केवल गोमती नगर, हजरतगंज और चारबाग जैसे आधुनिक हिस्सों तक ही सीमित था। फेज-1B पूरा होते ही पुराने लखनऊ के ऐतिहासिक बाजारों और सांस्कृतिक गलियों को आधुनिक मेट्रो सेवा से जोड़ने का सपना भी पूरा होगा। इससे न केवल यातायात का दबाव घटेगा, बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।

परियोजना से रोजगार और व्यापार को भी बढ़ावा

करीब ₹5801 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से निर्माण के दौरान हज़ारों रोजगार पैदा होंगे। वहीं, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से जुड़ने वाले क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और रियल एस्टेट को भी बढ़ावा मिलेगा। अमीनाबाद और चौक जैसे पारंपरिक बाजारों में ग्राहक आवागमन और बढ़ेगा।

सरकार की प्राथमिकता में तेज रफ्तार

योगी सरकार लखनऊ मेट्रो को ‘स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ के तहत अहम आधार मान रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए काम को तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार की योजना है कि 2028 तक इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह चालू कर दिया जाए।

यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा

  • पुराने शहर तक सीधी और तेज मेट्रो सेवा
  • भारी ट्रैफिक जाम से छुटकारा
  • ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक आरामदायक पहुँच
  • प्रदूषण में कमी और समय की बचत
  • सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा विकल्प

फेज-1B के बाद लखनऊ मेट्रो के विस्तार के और भी चरण प्रस्तावित हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद लखनऊ देश के प्रमुख मेट्रो शहरों में शामिल हो जाएगा। साथ ही, शहर के पुराने और नए हिस्से का आपसी तालमेल और मजबूत होगा।