
Lucknow Nirvana Shelter Home
Lucknow Nirvana Shelter Home Scandal: लखनऊ स्थित निर्वाण आश्रय केंद्र में हुए चौंकाने वाले खुलासे के बाद प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। यहां संचालित मेस बिना लाइसेंस के चलाया जा रहा था, जिसका खुलासा तब हुआ जब 5 बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीम जांच के लिए पहुंची, तो रसोई संचालन के लिए जरूरी लाइसेंस न मिलने से हड़कंप मच गया।
FSDA की टीम ने मौके से खड़ा गरम मसाला, सरसों का तेल, सोयाबीन तेल, दलिया, नूडल्स, चिकन मीट, अंडे, देसी घी, आटा और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए। इसके साथ ही जलकल विभाग द्वारा पानी की गुणवत्ता की भी जांच कराई जा रही है। आश्रय केंद्र में बच्चों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री और पेयजल की गुणवत्ता को लेकर कई गंभीर सवाल उठे हैं।
प्रशासन ने 90 से ज्यादा बच्चों की मेडिकल जांच कराई, जिसमें टीबी, हेपेटाइटिस, किडनी और आंतों की बीमारियों से ग्रसित बच्चे मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को दूषित पानी और बासी भोजन दिया जा रहा था, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा।
बच्चों में एक साथ कई बीमारियां मिलने के बाद आश्रय केंद्र में बनने वाले भोजन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। FSDA ने रसोई से दर्जनभर खाद्य पदार्थों के नमूने लिए हैं, जिनकी रिपोर्ट शनिवार शाम तक आने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि दूषित भोजन ही बच्चों की बीमारियों की मुख्य वजह हो सकती है।
लखनऊ के डीएम विशाख जी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) को इस मामले की गहन जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
निर्वाण आश्रय केंद्र की लापरवाही सामने आने के बाद सरकार और प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि बेसहारा बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होती है, फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई? खबर यह भी है कि रिहैब सेंटर चलाने वालों ने 5 में से 1 मौत की जानकारी छिपाने की कोशिश की थी।
जांच में सामने आया है कि आश्रय केंद्र के बच्चे एक हफ्ते से ज्यादा समय से बीमार थे, लेकिन उनकी सेहत को लेकर समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए। अब तीन अस्पतालों में 35 बच्चों का इलाज चल रहा है।
जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही सेंटर पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। संभावना है कि सेंटर का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए और संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।
निर्वाण आश्रय केंद्र में बच्चों की मौत और उनके स्वास्थ्य को लेकर बरती गई लापरवाही ने सरकारी तंत्र की पोल खोल दी है। बिना लाइसेंस चल रहे मेस, दूषित भोजन और खराब पेयजल की वजह से बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गए हैं। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी घटनाएं कब तक दोहराई जाएंगी?
Published on:
29 Mar 2025 01:03 pm
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