
सूबे में नालों के पानी से लहलहाएंगी अब किसानों की फसलें
यूपी में बहने वाले नालों के पानी से अब किसानों की फसलें लहलहाएंगी। सरकार की मंशा है कि, इससे जहां कम खर्चे में सिंचाई हो जाएगी वहीं जल का संरक्षण भी हो सकेगा। यहीं नहीं नाले का पानी को नदियों में गिरने से रोकने में भी काफी मदद मिलेगी। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इसके लिए तुरंत खाका तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार जल्द-जल्द इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर रही है।
कम लागत में होगी सिंचाई
नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव व अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार को विभाग की समीक्षा बैठक में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहाकि, नालों के पानी को नदियों में गिरने से रोकने और नाले के पानी का सिंचाई में इस्तेमाल करने पर जोर दिया। जलशक्ति मंत्री ने कहा है कि, इस योजना के निर्माण से न केवल नदियों में गिरने वाले नालों को रोका जा सकेगा बल्कि कृषि के लिए कम लागत में सिंचाई की व्यवस्था भी होगी।
निगरानी के लिए कमेटी बनाएं
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश में बहने वाले 848 नालों की निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि प्रत्येक नालों की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। कमेटी में नालों के आस-पास रहने वाले लोग और समाज से जुड़े लोग सदस्य बनाए जाएं। नमामि गंगे विभाग, राज्य में संचालित सभी एसटीपी संचालन की जांच भी करेगा।
इंजीनियरों को चेतावनी
समीक्षा बैठक में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने चेतावनी देते हुए इंजीनियरों से कहा कि, नदियों में सीवर सीधे पहुंचा तो उनपर सख्त और बड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण और जल संवर्धन की दिशा में नए.नए प्रयोग करने से कतराएं नहीं। बेहतर काम करने वाले इंजीनियरों को विभाग सम्मानित भी करेगा। उन्होंने इसी महीने से गंगा की सीसीटीवी से निगरानी की योजना को जमीन पर उतारने और हर एसटीपी की कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी के भी निर्देश दिए हैं।
Updated on:
03 Sept 2022 04:48 pm
Published on:
03 Sept 2022 04:46 pm
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