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यूपी विधानसभा मानसून सत्र में महिला विधायकों के नाम होगा 22 सितंबर, जानें क्यों

उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह मानसून सत्र एक नया इतिहास रचेगा। मानसून सत्र में 22 सितंबर का दिन इतिहास में यादगार दिन होगा। यूपी विधानमंडल के इतिहास में पहली बार एक दिन 22 सितंबर दोनों सदनों की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम रहेगी।      

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UP assembly

उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह मानसून सत्र एक नया इतिहास रचेगा। मानसून सत्र में 22 सितंबर का दिन इतिहास में यादगार दिन होगा। यूपी विधानमंडल के इतिहास में पहली बार एक दिन 22 सितंबर दोनों सदनों की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम रहेगी। उस दिन सदन में सिर्फ महिला विधायक बोलेंगी। महिलाओं के मुद्दे उठेंगे। प्रश्नकाल के बाद सदन में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का मौका दिया जाएगा। हालांकि उस दिन सदन में सभी विधायक मौजूद रहेंगे। लेकिन बोलने का अवसर सिर्फ महिला सदस्यों को मिलेगा।

यूपी विधानसभा में इस बार 47 महिला विधायक

आजादी के बाद यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों में महिला विधायकों को खुलकर अपनी बात रखने का यह पहला मौका है। यूपी विधानसभा में इस बार सबसे ज्यादा 47 महिला विधायक हैं। इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में महिला विधायक चुनाव जीत कर विधानसभा नहीं पहुंची थी। यही वजह है कि यूपी की राजनीति में महिला विधायकों को स्पीकर, सभापति, दलों की नेता और संसदीय कार्य मंत्री बनाने में किसी भी राजनीतिक दल ने कभी कोई पहल नहीं की। जबकि दो महिला मुख्यमंत्रियों ने यूपी की सत्ता संभाली।

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कांग्रेस ने पहल की तो भाजपा ने इतिहास बनाया

इस विधानसभा में कांग्रेस ने अपना नेता महिला विधायक बनाकर इस दिशा में पहल की तो अब भाजपा के सीनियर नेता रहे और वर्तमान में विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पूरे एक दिन सदन की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम करने का फैसला ले लिया। सतीश महाना का कहना है कि, अब यूपी की विधानसभा बदल रही है तो महिलाएं चाहती हैं उनकी जिम्मेदारी भी बढ़े, तो हमने भी उस दिशा में कदम बढ़ाया है।

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आज तक दोनों सदनों में कोई महिला नहीं बनी नेता विरोधी दल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस कदम की सराहना की है। सीएम योगी ने 22 सितंबर को महिलाओं को ही पीठासीन अधिकारी बनाए जाने का अनुरोध किया है। यूपी विधानसभा के इतिहास को देखे तो अब तक विधानसभा में 28 नेता विरोधी दल बनाए जा चुके हैं। पर किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी महिला विधायक को नेता विरोधी दल नहीं बनाया। यहीं नहीं विधान परिषद में भी 20 नेता विरोधी दल बने लेकिन उनमें भी महिला विधायकों को जगह नहीं मिली।

अभी तक कोई महिला नहीं बनी स्पीकर

इसी प्रकार यूपी में अब तक विधानसभा के 18 स्पीकर बनाए जा चुके हैं। जिनमें एक भी महिला नहीं है। और विधान परिषद में भी 13 सभापति हुए पर इनमें भी कोई महिला नहीं रही। इस बार 47 महिला विधायक सदन पहुंची है। पहली विधानसभा से अब तक 20 ऐसी महिला विधायक हैं जो चार से छह बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं। छह बार चुनाव जीतने वाली विधायकों में विमला राकेश और बेनी बाई शामिल हैं। शकुंतला देवी, शारदा देवी, राजपत देवी, प्रेमलता कटियार, गुलाब देबी, र्तमान सरकार में मंत्री पांच बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं।

बोलने के लिए मिलेंगे अधिकतम आठ मिनट

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनुसार 22 सितंबर को प्रत्येक महिला सदस्य को कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट का समय दिया जाएगा। महाना ने दावा किया कि आजादी के बाद से पहली बार विधानमंडल में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा।

जानें किन दलों से चुनी गईं थी कितनी महिला विधायक

यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में सदन में कुल 47 महिलाएं पहुंची हैं। इनमें सबसे ज्यादा भाजपा की 29, समाजवादी पार्टी की 14, कांग्रेस की एक और अपना दल सोनेलाल की तीन महिला महिला विधायक हैं। वैसे तो यूपी विधानमंडल में इस बार कुल 53 महिला विधायक हैं। जिनमें विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य हैं।

1952 से अब तक विधानसभा में महिला विधायक

1952 - 20
1957 - 18
1962 - 20
1967 -6
1969 - 18
1974 - 21
1977 - 11
1980 - 23
1985 - 31
1989 - 18
1991 - 10
1993 - 14
1996 - 20
2002 - 26
2007 - 23
2012 - 35
2017 - 40
2022 - 47