
Crowd Control
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय रेलवे ने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कैमरों की तैनाती की है। इन कैमरों की मदद से भीड़ की निगरानी, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, और आपात स्थितियों में अलर्ट जारी किया जाएगा। लगभग 2700 सीसीटीवी कैमरों के अलावा, 328 AI-एनेबल्ड कैमरे लगाए गए हैं जो भीड़ के पैटर्न का विश्लेषण कर कंट्रोल रूम को सूचित करेंगे।
AI कैमरे केवल निगरानी ही नहीं बल्कि चेहरे की पहचान और लापता लोगों की खोज में भी सहायक होंगे। "खोया पाया केंद्र" की डिजिटल सेवाएं लागू की जाएगी, जो सोशल मीडिया के माध्यम से परिवारों को पुनः मिलाने में मदद करेंगी। सुरक्षा के अलावा, इन कैमरों के माध्यम से मेले में प्रवेश और निकास को सुव्यवस्थित किया जाएगा
रेलवे के इंजनों में भी AI-आधारित कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो पटरियों पर अवरोधक की पहचान करेंगे। इन कैमरों की रेंज दिन में 400 मीटर और रात में 60 मीटर तक है। यह न केवल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा बल्कि लोको पायलट की निष्क्रियता पर भी अलर्ट करेगा। भविष्य में 15,000 लोकोमोटिव को इस तकनीक से लैस किया जाएगा
ड्राइवर अलर्ट सिस्टम: लोको पायलट की सक्रियता सुनिश्चित करेगा।
थर्मल कैमरे: दिन-रात अवरोधकों का पता लगाने में सक्षम।
साइबर सिक्योरिटी कैमरे: रेलवे कोच में सुरक्षा बढ़ाने के लिए
मेले के दौरान लगभग 2700 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें से 328 कैमरे AI फीचर से लैस होंगे। इन कैमरों की खासियत यह है कि ये भीड़ की स्थिति और संदिग्ध गतिविधियों का विश्लेषण कर सकते हैं। अगर किसी क्षेत्र में भीड़ सामान्य सीमा से अधिक हो जाती है, तो कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा।
चेहरे की पहचान प्रणाली: खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिवार से मिलाने के लिए "खोया पाया केंद्र" में इनका उपयोग किया जाएगा।
भारतीय रेलवे भी इस मेले को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठा रहा है:
15,000 लोकोमोटिव इंजनों में AI कैमरे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 400 इंजन पहले ही तैयार हो चुके हैं। ये कैमरे दिन में 400 मीटर और रात में 60 मीटर तक पटरियों पर किसी भी अवरोध को पहचान सकते हैं।
ड्राइवर अलर्ट सिस्टम: लोको पायलट के निष्क्रिय होने पर कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा।
साइबर सिक्योरिटी कैमरे: वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों के कोचों में लगाए गए हैं।
थर्मल कैमरे: दिन-रात अवरोधकों की पहचान के लिए।
डिजिटल सूचना प्रणाली: बड़े LED डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से लाइव अपडेट्स।
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा खतरों को देखते हुए, AI तकनीक न केवल निगरानी को सटीक बनाएगी बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
Published on:
01 Dec 2024 08:31 am
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