scriptमायावती की बसपा बनी सबसे मालदार, नोटबंदी के दौरान हुई छप्पर फाड़ कमाई, सबको छोड़ा बहुत पीछे | Mayawati BSP income record increased during note ban in ADR report | Patrika News
लखनऊ

मायावती की बसपा बनी सबसे मालदार, नोटबंदी के दौरान हुई छप्पर फाड़ कमाई, सबको छोड़ा बहुत पीछे

पीएम मोदी की नोटबंदी का जरा भी असर बीएसपी पर नहीं पड़ा है…

लखनऊFeb 08, 2018 / 10:37 am

नितिन श्रीवास्तव

Mayawati BSP income record increased during note ban in ADR report

मायावती की बसपा बनी सबसे मालदार, नोटबंदी के दौरान हुई छप्पर फाड़ कमाई, सबको छोड़ा बहुत पीछे

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 में भले ही बहुजन समाज पार्टी को भयंकर हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उसकी इनकम में इसका जरा भी असर नहीं पड़ा है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बुधवार को आई इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट कह रही है। रिपोर्ट के मुताबिक बसपा की कमाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है।
बसपा सबसे मालदार पार्टी

आपको याद होगा नवंबर 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। तो इसका सबसे तगड़ा विरोध करने वालों में से एक बसपा सुप्रीमो मायावती भी थीं। तब सियासी गलियारों में चर्चाएं हो रही थीं कि नोटबंदी की वजह से मायावती की बसपा को तगड़ा झटका लगा है। लेकिन अब इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने उन सब बातों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। क्योंकि पीएम मोदी की नोटबंदी का जरा भी असर बीएसपी पर नहीं पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक बसपा की 2015-16 की कुल आय 47.385 करोड़ हुआ करती थी। जो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मतलब 2016-17 में बढ़कर 173.58 करोड़ रुपये हो गई। इलेकिशन वॉच की ये रिपोर्ट आने के बाद तमाम राजनीति पंडितों की हवाइयां उड़ गई हैं।
नहीं पड़ा नोटबंदी का कोई असर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के पूरे खाके का गहराई से अध्ययन किया है। आपको बता दें कि एडीआर ऐसी संस्था है जो चुनाव सुधार के लिए काम करती है। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी का मायावती की बहुजन समाज पार्टी पर तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ा। बल्कि उसकी कमाई में छप्परफाड़ उछाल आया और विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी खूब चंदा कमाया। वहीं बसपा ने अपना खर्च सिर्फ 30 फीसदी पर ही समेट लिया। आपको बता दें कि साल 2016 की शुरुआत में बहुजन समाज पार्टी की कुल इनकम 47.385 करोड़ रुपए हुआ करती थी। जबकि साल के अंत तक सह कमाई लगभग 175 करोड़ रुपये हो गई। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने केवल 51.83 करोड़ रुपये ही खर्च किए।
सीपीएम आई सेकेंड

जबकि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कमाई के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सेकेंड नंबर पर है। साल 2016-17 में सीपीएम की कमाई 100.256 करोड़ रुपये रही। जबकि सीपीएम का कुल खर्च 94.056 करोड़ रुपये रहा। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कमाई 17.235 करोड़ रुपये रही और इसका खर्च 24.967 करोड़ रहा। मतलब एडीआर रिपोरेट के मुताबिक एनसीपी कुल सात करोड़ रुपये के नुकसान में चली गई। वहीं ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को सबसे ज्यादा नुकसान भुगतना पड़ा। टीएमसी की आय 6.39 करोड़ रुपए थी और खर्च 24.26 करोड़ रुपये हुआ। इस हिसाब से टीएमसी का खर्च 17.87 करोड़ रुपए, कमाई से ज्यादा रहा। आपको बता दें कि टीएमसी की साल 2015-16 में कमाई 34.578 करोड़ रुपये थी।
बीजेपी-कांग्रेस ने नहीं दी डीटेल

चुनाव आयोग को सौंपे गए आय-व्यय के ब्योरे के विश्लेषण में जानकारी देने वाली कुल पांच राष्ट्रीय पार्टियां शामिल हैं। इन पाचों पार्टियों ने अपना आय-व्यय का पूरा विवरण चुनाव आयोग को दिया था। वहीं जो इस पूरे मामले में एक बात और है जो सबसे चोंकाने वाली रही। इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपना ब्योरा ही नहीं दिया। जिस वजह से बीजेपी और कांग्रेस का आय-व्यय का कोई हिसाब नहीं निकल पाया। आपको बता दें कि 2015-16 में दिए गए ब्योरे के मुताबिक बीजेपी की कमाई सबसे ज्यादा 570.86 करोड़ थी। वहीं इस दौरान कांग्रेस की कमाई 261.56 करोड़ रुपए थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो