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Mayawati Rally : मायावती की महारैली में तैनात रहेंगे 2114 पुलिसकर्मी, एटीएस-एसटीएफ अलर्ट, बसपा दिखाएगी सियासी शक्ति

BSP Chief Mayawati Mega Rally in Lucknow: कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती की महारैली को लेकर लखनऊ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रैली में 2114 पुलिसकर्मी, एटीएस, एसटीएफ और खुफिया एजेंसियां मुस्तैद रहेंगी। मायावती इस रैली में पार्टी की सियासी रणनीति का ऐलान कर सकती हैं।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 09, 2025

मायावती की रैली में दिखा; i love bsp; का पोस्टर , 2114 पुलिसकर्मी रहेंगे मुस्तैद, कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर होगा शक्ति प्रदर्शन (फोटो सोर्स : Whatsapp )

मायावती की रैली में दिखा; i love bsp; का पोस्टर , 2114 पुलिसकर्मी रहेंगे मुस्तैद, कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर होगा शक्ति प्रदर्शन (फोटो सोर्स : Whatsapp )

Mayawati Rally 2025: कांशीराम परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती की गुरुवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित होने जा रही महारैली को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम किए हैं। रैली स्थल और आसपास के क्षेत्रों में 2114 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, वहीं खुफिया एजेंसियां, एटीएस, एसटीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे। रैली को बसपा का शक्ति प्रदर्शन और चुनावी रणनीति का अहम संकेत माना जा रहा है।

पुलिस कमिश्नर ने किया सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण

रैली से एक दिन पहले बुधवार को पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर और एडीजी (कानून-व्यवस्था) बबलू सिंह ने रैली स्थल का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार, मंच, पार्किंग जोन और आसपास के मार्गों का निरीक्षण करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस कमिश्नर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक नियंत्रण और वीआईपी मूवमेंट के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रैली लाखों की भीड़ वाली होगी, इसलिए हर स्तर पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति पर तत्काल कार्रवाई की जाए।”

2114 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात - सुरक्षा के कई घेरे

रैली स्थल को तीन जोनों और छह सेक्टरों में विभाजित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में एएसपी और एसपी स्तर के 11 अधिकारी, चार कंपनी पीएसी, एक कंपनी आरएएफ, और एसटीएफ व एटीएस की टीमें तैनात रहेंगी।

इसके अलावा सुरक्षा में

  • 21 प्रभारी निरीक्षक
  • 69 उपनिरीक्षक
  • 34 निरीक्षक
  • 549 यातायात उपनिरीक्षक
  • 31 महिला उपनिरीक्षक
  • 341 हेड कांस्टेबल
  • 745 यातायात कांस्टेबल
  • 165 होमगार्ड जवान शामिल होंगे।

रैली स्थल और मंच के आसपास कमांडो यूनिट तैनात रहेगी, जबकि मुख्य प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है।

खुफिया एजेंसियां और एटीएस सतर्क

प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लेने का निर्णय लिया है। खुफिया विभाग (इंटेलिजेंस ब्यूरो), एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीमें पहले से ही अलर्ट पर हैं। रैली स्थल और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी कंट्रोल रूम से की जा रही है। सिविल ड्रेस में खुफिया कर्मी भी भीड़ के बीच रहकर गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही ड्रोन कैमरों से पूरे इलाके की निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।

ट्रैफिक व्यवस्था के लिए विशेष प्लान

चूंकि रैली में लाखों कार्यकर्ता और समर्थक प्रदेश के विभिन्न जिलों से लखनऊ पहुंच रहे हैं, इसलिए ट्रैफिक विभाग ने विशेष योजना तैयार की है। रैली स्थल के आसपास के मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेगा। भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है, जबकि बसों और चारपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है।

ट्रैफिक डीसीपी ने बताया कि कार्यकर्ताओं की रैली स्थल तक पहुंच सुनिश्चित करने के साथ आम जनता को असुविधा न हो, इसके लिए हर प्रमुख मार्ग पर पुलिस बल तैनात रहेगा। रूट मैप सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों के माध्यम से पहले ही जारी कर दिया गया है।

 मंच के आसपास कड़ा सुरक्षा घेरा

मायावती के मंच के चारों ओर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। पहला घेरा पुलिसकर्मियों का, दूसरा एटीएस व कमांडो का और तीसरा रिंग सर्कल वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में रहेगा। मंच तक पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की डिजिटल एंट्री और आईडी कार्ड स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। मायावती के आगमन से पूर्व स्थल का डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते द्वारा गहन निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा मंच के पीछे और आसपास का क्षेत्र भी विशेष निगरानी में रहेगा।

राजनीतिक महत्व रखती है रैली

यह रैली केवल कांशीराम परिनिर्वाण दिवस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे बसपा के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने वाली सभा के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आगामी लोकसभा चुनाव 2026 को ध्यान में रखते हुए मायावती इस रैली के माध्यम से दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश करेंगी। बसपा नेताओं का कहना है कि यह रैली पार्टी के लिए “निर्णायक मोड़” साबित हो सकती है। एक वरिष्ठ बसपा नेता ने कहा कि मायावती जी इस रैली से कार्यकर्ताओं को नई दिशा देंगी और भविष्य की रणनीति स्पष्ट करेंगी। पूरे प्रदेश से कार्यकर्ता बड़ी संख्या में लखनऊ पहुंच रहे हैं।”

बीएसपी का बड़ा शक्ति प्रदर्शन

बसपा की यह महारैली पार्टी के लिए संगठनात्मक मजबूती और राजनीतिक ताकत दिखाने का मौका मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार घटते जनाधार को दोबारा पाने के लिए पार्टी ने इस आयोजन को बड़ी सावधानी से तैयार किया है। कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे शांतिपूर्वक रैली में भाग लें और पार्टी अनुशासन का पालन करें।

प्रशासन पूरी तरह अलर्ट

डीएम, एडीजी, कमिश्नर, सीपी, सीओ व एसपी स्तर के अधिकारी पूरे आयोजन के दौरान मौके पर रहेंगे। आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम, मेडिकल टीम और फायर ब्रिगेड को भी तैयार रखा गया है। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। एडीजी बबलू सिंह ने कहा कि यह एक बड़ा आयोजन है, लेकिन पुलिस पूरी तरह तैयार है। सभी एजेंसियों के बीच समन्वय बनाकर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।”

पूरे प्रदेश से जुटेंगे कार्यकर्ता

रैली को लेकर बुधवार शाम से ही बसपा समर्थकों का लखनऊ आगमन शुरू हो गया है। ट्रेन, बस और निजी वाहनों से आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था पार्टी द्वारा की गई है।गुरुवार सुबह से राजधानी के मुख्य मार्गों पर “जय भीम” और “कांशीराम अमर रहें” के नारे गूंजने लगे हैं। रैली स्थल पर बसपा के झंडे और मायावती के पोस्टर लगाकर पूरा क्षेत्र नीले रंग में रंगा गया है।

कांशीराम के आदर्शों से जोड़ेगी जनता को मायावती

रैली में मायावती के भाषण को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। अनुमान है कि वे अपने संबोधन में दलित, पिछड़े वर्गों और गरीबों के हक की बात करते हुए केंद्र और प्रदेश सरकारों पर निशाना साधेंगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मायावती कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने और संगठन पुनर्गठन की दिशा में नए ऐलान कर सकती हैं।