
Lucknow Weather
Lucknow Weather: लखनऊ मंडल में मौसम में अचानक बदलाव आया है। पिछले कुछ दिनों से तापमान में गिरावट देखी जा रही है और सुबह की हल्की सिहरन ने लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है। इस क्षेत्र में एसी और कूलर बंद होने लगे हैं क्योंकि सुबह की ठंडक ने लोगों को गर्माहट की जरूरत महसूस कराई है।
लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, और लखीमपुर में ओस की बूंदें गिरने लगी हैं। सुबह की धुंध ने ठंड के मौसम की शुरुआत का संकेत दे दिया है। किसानों के लिए ओस का गिरना फसलों के लिए अनुकूल माना जाता है, लेकिन आम जनजीवन में सिहरन बढ़ा देता है।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। विभाग ने चेतावनी दी है कि सुबह और रात के समय तापमान में तेजी से गिरावट होगी। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे गर्म कपड़े पहनें और ठंड से बचने के लिए आवश्यक उपाय करें।
लखनऊ के निवासी अनिल कुमार ने कहा, "ऐसा लगता है कि सर्दी का मौसम जल्दी आ गया है। सुबह-सुबह की ठंड में अब चाय की चुस्कियों का आनंद लेने का समय आ गया है।" वहीं, सीतापुर की निवासी रीमा ने कहा, "अब ओस गिरने लगी है, तो हमें अपने बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने की तैयारी करनी होगी।"
लखनऊ मंडल और आसपास के जिलों में ओस गिरने से फसलों पर मिला-जुला असर देखने को मिल सकता है।
ओस का गिरना गेहूं, जौ, सरसों जैसी रबी फसलों के लिए फायदेमंद होता है। इन फसलों को ठंड और नमी की जरूरत होती है, जो ओस से मिलती है। इससे फसलों की वृद्धि बेहतर होती है, और उत्पादन में सुधार आ सकता है।
कम सिंचाई की जरूरत: ओस की बूंदें पौधों की पत्तियों और मिट्टी पर नमी बनाए रखती हैं, जिससे खेतों में सिंचाई की जरूरत कम होती है। किसानों को इस मौसम में पानी की बचत होती है।
नकारात्मक असर:
टमाटर, आलू, फूलगोभी जैसी सब्जियों और फल जैसे कि आम के पौधों पर ओस के कारण रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। नमी की अधिकता से फफूंद और कीटों का हमला होने की संभावना रहती है। फसलों पर पाला गिरने का खतरा: अगर तापमान में अचानक गिरावट होती है, तो ओस का जमकर पाले में बदल जाना फसलों के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे पत्तियां, फूल, और फल प्रभावित हो सकते हैं, और उत्पादन में कमी आ सकती है।
फसलों की निगरानी: किसान अपनी फसलों की नियमित निगरानी करें और किसी भी रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत कार्रवाई करें।
प्राकृतिक उपायों का उपयोग: कीट और रोगों से बचाने के लिए जैविक या प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करें।
सिंचाई की मात्रा घटाएं: ओस के कारण मिट्टी में नमी बनी रहती है, इसलिए सिंचाई की मात्रा कम करें और जल संरक्षण पर ध्यान दें।
ओस का गिरना फसलों के लिए जहां एक तरफ लाभकारी है, वहीं दूसरी तरफ संभावित नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए किसानों को सतर्क रहने और मौसम की स्थिति के अनुसार फसल प्रबंधन करने की जरूरत है।
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Published on:
30 Aug 2024 07:59 am
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