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योगी सरकार के अधिकारियों के दिमाग में अभी भी बसे हैं मुलायम, वेबसाइट पर अपलोड कर दिया पुराना भाषण

यूपी में बीजेपी सरकार बने एक साल से ज्यादा हो गया लेकिन उच्च शिक्षा के अधिकारियों के दिमाग में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का ही ख्याल है।

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mulayam singh yadav

मुलायम सिंह यादव

लखनऊ. यूपी में बीजेपी सरकार बने एक साल से ज्यादा हो गया लेकिन उच्च शिक्षा के अधिकारियों के दिमाग में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का ही ख्याल है। दरअसल सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के वर्ष 2014 में सहारनपुर रैली के भाषण को 29 जून को शासनादेश के रूप में जारी कर दिया गया।
इसमें मुलायम ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा था।राज्य सरकार की अधिकृत शासनादेश की वेबसाइट पर 29 जून को जारी शासनादेशों में 27 जून को शाम 7 से 28 जून शाम 7 बजे तक जारी शासनादेश दिए गए हैं। इसमें उच्च शिक्षा विभाग के अनुभाग-6 के सूचना का अधिकार विषय से जारी शासनादेश में पूर्व सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का दो पेज का भाषण है।

ये था मुलायम का भाषण

जो भाषण वेबसाइट पर अपलोड हुआ है, उसमे- ‘सपा की केंद्र में सरकार बनी तो गरीबों को मुफ्त अनाज - मुलायम’ शीर्षक से जारी शासनादेश में सहारनपुर रैली का भाषण दिया गया है। इस रैली में मुलायम ने तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी को अल्पसंख्यक विरोधी और यूपीए सरकार को कमजोर और डरपोक सरकार बताया था। रैली में उन्होंने केंद्र में सपा सरकार बनने पर गरीबों को मुफ्त अनाज की घोषणा भी की थी।उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल का कहना है कि यह शासनादेश विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर नहीं है। यह मामला गंभीर है, यदि विभाग के स्तर से हुआ है तो इसकी जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बेसिक शिक्षा का भी हाल बेहाल

केवल उच्च शिक्षा विभाग ही नहीं बेसिक शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है। ये इस बात से समझा जा सकता है कि एक तरफ बेसिक शिक्षा विभाग में हुआ करोड़ों का घोटाला सुर्खियां बटोर रहा है तो दूसरी तरफ प्राइमरी स्कूलों का नया पत्र बिना किताबों के ही शुरू हो गया है। पहले दिन प्राइमरी के अधिकतर छात्रों को किताबें नहीं मिल पाई। गिने-चुने स्कूलों में ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों और माननीयों ने यूनिफॉर्म, बैग और किताबें बांटे। वहीं बच्चों को बांटे जाने वाली किताबों से लेकर जूते-मोजे तक में अनियमितता का खेल खुलने लगा है।आरोप है कि प्रदेश में करीब 252 करोड़ की किताबों का टेंडर दो बार किया गया. इस दौरान दोनों टेंडरों में शर्त बदल दी गई।