
Namaz on Road will Stop Forever Muslim Council make Plan
सुन्नी उलमा काउंसिल की योजना कारगर हुई तो अधिक नमाजियों के कारण सड़क पर होने वाली नमाज (इबादत) पूरी तरह बंद हो जाएगी। सुकून से मस्जिद के अंदर सुरक्षित ढंग से नमाज अदा हो सकेगी। काउंसिल ने सर्वे शुरु कर दिया है। विशेषकर जुमे की नमाज में संख्या ज्यादा होने के कारण सड़क पर नमाज अदा करनी पड़ती है। अब रोड पर नमाज पढ़ने पर रोक के कारण मुस्लिम समाज चिंतित है। सुन्नी उलमा काउंसिल ने जो प्लान तैयार किया है उससे सड़क पर नमाज पूरी तरह बंद हो जाएगी और नमाजियों को भी धूप से राहत भी मिलेगी। काउंसिल ने योजना बना ली है। इसके साथ ही ये भी तय किया है कि नमाजियों में कैसे बदलाव लाना है।
सर्वे के बाद मस्जिदों का होगा विस्तार
सर्वे के लिस बनाई गईं टीमें देख रही हैं कि किस मस्जिद की कितनी क्षमता है और इसका कितना विस्तार किया जा सकता है। यदि एक या दो मंजिल विस्तार की आवश्यकता है तो उसके लिए अधिकृत विभागों से अनुमति लेकर विस्तार कराया जाएगा। ऐसा करने से क्षमता दोगुनी तक बढ़ाई जा सकती है। सड़क पर नमाज का बड़ा कारण मस्जिदों का समय भी है। यदि आपसी सहमति से कुछ संशोधन कर दिया जाए तो ऐसी मस्जिदों में जहां क्षमता है वहां नमाजियों की संख्या बढ़ जाएगी। जहां क्षमता कम है वहां उतने ही अकीदतमंद मस्जिद में आसानी से नमाज अदा कर सकेंगे।
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क्षमता में सुधार से यह होंगे फायदे
हम सब जानते हैं कि सड़क पर नमाज असुरक्षित है, इससे पूरी सुरक्षा मिलेगी। सड़क मार्ग बाधित न होने से एंबुलेंस आदि नहीं फंसेंगी। एक से दो घंटे होने वाले डायवर्जन को रोका जा सकेगा। मस्जिद में सफाई रहेगी, सड़क धुलाई हर जगह संभव नहीं है।
देश में कानपुर पेश करेगा उदाहरण
सुन्नी उलमा काउंसिल महामंत्री हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि शरई तौर पर यह अच्छी बात है कि हम मस्जिद के अंदर नमाज अदा करें। इससे दूसरों को होने वाली तकलीफें खत्म होंगी। सर्वे के बाद मशावरती बोर्ड की बैठक बुलाकर हल निकालने की कोशिश है। यह काम जल्द पूरा कराया जाएगा। हम एक आदर्श उदाहरण पेश कर सकेंगे। इसके लिए योजना भी तैयार हो चुकी है।
Updated on:
07 May 2022 04:46 pm
Published on:
07 May 2022 04:45 pm
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