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यूपी में अब वेतन के हिसाब से मिलेगा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को इलाज

प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलैस चिकित्सा योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को जैसा वेतन वैसा इलाज मिलेगा।

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लखनऊ

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Jyoti Singh

Oct 08, 2022

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Now government employees and pensioners will get treatment according to salary in UP

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए जैसा वेतन वैसा इलाज वाली व्यवस्था लागू कर दी है। यानी कि अब से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरो को उनके वेतनमान के हिसाब से अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाएगी। दरअसल, चुनाव के समय भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का वादा किया था। अपने इसी वादे को निभाने के लिए सीएम ने पिछले दिनों की पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलैस चिकित्सा योजना का शुभारंभ किया था। योजना में इलाज के लिए कुछ इसी तरह की व्यवस्था कर रखी गई है।

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सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान

बता दें कि केंद्र की आयुष्मान योजना में जहां मरीजों के लिए सिर्फ जनरल वार्ड का ही प्रावधान है। वहीं योगी सरकार की इस स्कीम में जनरल के साथ ही सेमी प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की भी व्यवस्था है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं। लेकिन इसकी कनेक्टिविटी अभी तक आयुष्मान योजना के पोर्टल से नहीं हो सकी है। जिसके कारण ऑफलाइन यानी ईमेल के जरिए इलाज के सारे कागजात और फोटो मंगवाए जा रहे हैं। इन्हीं के सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान किया जा रहा है।

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हेल्थ कार्ड वालों के लिए बनाई गई ये सुविधा

दरअसल जिन लोगों का हेल्थ कार्ड बना है, कर्मचारी या पेंशनर के पे-बैंड को देखकर उसकी अर्हता के हिसाब से उसे जनरल, सेमी प्राइवेट या प्राइवेट वार्ड में रखने की सुविधा दी गई है। ऐसे में अस्पताल को कर्मचारी या पेंशनर का हेल्थ कार्ड पर अंकित नंबर योजना के पोर्टल पर डालते ही चल जाता है। हालांकि प्रदेश सरकार की कैशलेस योजना के तहत अभी पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनर यूपी के सरकारी या निजी अस्पतालों में ही इस कैशलैस इलाज की सुविधा का लाभ ले सकेंगे।