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इस बार ऑनलाइन मिमियाँ रहे बकरे, बकरीद पर ऐसे हो रही बिक्री

इस वर्ष लोगों को बकरियां बाजारों में नहीं बल्कि ऑनलाइन मिमियाती दिखेंगी। बकरा ईद पर उनकी डिजिटल प्लैटफॉर्म पर खरीदारी हो रही है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jul 23, 2020

Bakrid

Bakrid

लखनऊ. कोरोना काल (Coronavirus) में सभी त्योहार सूने हैं। मंडियों में वो रौनक नहीं जो पहले हुआ करती थी। बकरीद (Bakrid) के मौके पर भी कुछ ऐसा ही है। कोरोना काल ने सैकड़ों साल पुरानी परंपरा पर विराम लगा दिया है। इस वर्ष लोगों को बकरियां बाजारों में नहीं बल्कि ऑनलाइन मिमियाती दिखेंगी। बकरा ईद पर उनकी डिजिटल प्लैटफॉर्म पर खरीदारी हो रही है। व्यपारियों द्वारा ऑनलाइन बकरों की कीमत बताई जा रही है। खरीदने के बाद उनकी होम डिलेवरी होगी। यूपी सरकार व यूपी पुलिस की ओर से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिसके मुताबिक सभी लोगों को घर में ही नमाज अदा करनी होगी। मस्जिद में सामूहिक नमाज अदा नहीं की जाएगी। वहीं बकरों की मंडिया नहीं लगेंगी।

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ऑनलाइन दी जा रही सारी जानकारी-

लखनऊ में लगने वाली बकरा मंडी भी इस वर्ष नहीं लगेगी। ऐसे में ऑनलाइन बकरों की बिक्री के साथ ऑनलाइन कुर्बानी के हिस्से की बुकिंग भी शुरू हो गई है। www.pashubajaar.com, www.indiamart.com समेत कई ऑनलाइन साइट हैं, जहां बिक्री शुरू हो गई हैं। इन वेबसाइट पर बकरा का मालिक अपना नाम व पता भी दे रहा है जिससे ग्राहक उसके पास जाकर बकरा देख सके। इसके अलावा कई वेबसाइट पर ऑनलाइन कुर्बानी का हिस्सा भी लिया जा सकता है हालांकि शहर में कई जगहों पर लोग कुर्बानी कराने की जगह 2 से 3 हजार रूपए देकर कुर्बानी में हिस्सा ले लेते।

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काशी में भी दिखा असर-

कोरोना काल में सख्तियों का असर काशी के बेनिया बाग में भी देखने को मिल रहा है, जो आज सूना है। यहां बकरा ईद के मौके पर हर वर्ष राज्य के अलग-अलग जिलों व दूसरे राज्यों से भी व्यापारी बकरे की मंडी लगाते थे। दूर-दूर से लोग बकरे की खरीददारी करने के लिए आते थे। यहां खुदरा बकरों की मंडी लगती है। लेकिन लॉक डाउन और कोरोना काल ने सैकड़ों साल की परंपरा को विराम लगा दिया है।