
लखनऊ में राष्ट्रीय डाक सप्ताह के समापन पर नई सुविधा की घोषणा, केवल 70 रुपये में मिलेगा घर बैठे प्रमाणपत्र (फोटो सोर्स : AI )
Senior Citizen Scheme Life Certificate: अब सीनियर सिटीजन को अपने जीवितता प्रमाणपत्र (Life Certificate) के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यह प्रमाणपत्र, जो पेंशनधारकों के लिए हर वर्ष अनिवार्य होता है, अब उनके घर पर ही बनाया जाएगा। डाक विभाग ने सीनियर सिटीजन के लिए यह बड़ी सुविधा शुरू की है, जिसके तहत डाकिया स्वयं उनके घर पहुंचेगा और बायोमेट्रिक माध्यम से डिजिटल जीवितता प्रमाणपत्र तैयार कर वहीं सौंप देगा। इस सेवा के लिए मात्र 70 रुपये का शुल्क तय किया गया है, जो ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से जमा किया जाएगा। यह जानकारी लखनऊ मंडल के पोस्टमास्टर जनरल (PMG) सुनील कुमार राय ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह के समापन अवसर पर सीपीएमजी परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य तकनीक और मानवीय सेवा को मिलाकर लोगों के जीवन को सरल बनाना है। सीनियर सिटीजन और पेंशनर्स के लिए यह सुविधा राहतभरी साबित होगी।
PMG सुनील कुमार राय ने बताया कि डाक विभाग के कर्मी अब सिर्फ चिट्ठियां पहुंचाने का काम नहीं करते, बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से जनता को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने का कार्य भी कर रहे हैं। जीवितता प्रमाणपत्र बनाने की यह नई पहल इसी दिशा में एक और कदम है। उन्होंने कहा कि “हर साल लाखों पेंशनर्स को अपने जीवितता प्रमाणपत्र के लिए सरकारी दफ्तरों में जाना पड़ता है। बुजुर्गों को इस प्रक्रिया में काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब उन्हें केवल अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस से संपर्क करना होगा, और डाकिया उनके घर आकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के माध्यम से यह प्रमाणपत्र बना देगा। कुछ ही मिनटों में प्रमाणपत्र उनके मोबाइल और विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध होगा।”
राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन 6 से 10 अक्टूबर तक लखनऊ सहित देशभर के डाक मंडलों में किया गया। इस सप्ताह का उद्देश्य डाक सेवाओं के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और जनता को नई तकनीकों से जोड़ना था। PMG सुनील कुमार राय ने बताया कि इस वर्ष डाक सप्ताह के दौरान हर दिन एक विशेष विषय पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस दिन डाकघरों में “एडवांस पोस्टल टेक्नोलॉजी” पर क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। कर्मचारियों और नागरिकों को बताया गया कि अब डाक सेवाएं पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित हो रही हैं।
इस दिन “सम्पूर्ण सुकन्या ग्राम पहल” के अंतर्गत चयनित गांवों में पात्र बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले गए। इसके साथ ही ग्रामीण, पर्वतीय और आदिवासी क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता शिविर और “डाक चौपाल” आयोजित की गईं। डाक बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा योजनाओं के तहत विशेष प्रोत्साहन अभियान चलाया गया।
इस दिन डाक टिकट संग्रह (फिलैटली) को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं और संग्रहालय भ्रमण का आयोजन किया गया। “मेरे आदर्श को पत्र” विषय पर ढाई आखर प्रतियोगिता में छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर एक विशेष पिक्चर पोस्टकार्ड भी जारी किया गया।
इस दिन “एक पेड़ मां के नाम” पहल के अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। डाक विभाग के कर्मियों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इसके साथ ही पोस्टल वॉक का आयोजन किया गया, जिसमें “एक डाकिया, एक राष्ट्र, एक संदेश” की थीम के तहत कर्मचारियों ने जागरूकता रैली निकाली।
सप्ताह के अंतिम दिन “ग्राहक दिवस” पर जन-संवाद और सेवा पर केंद्रित कार्यक्रम हुए। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को डाक विभाग की विभिन्न सेवाओं ,जैसे इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, स्पीड पोस्ट, पार्सल, बीमा, और निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
प्रेसवार्ता में पोस्टमास्टर जनरल राय ने बताया कि आज भारतीय डाक सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी हैं। “हमारे पास अब हर गांव तक पहुंचने वाला डिजिटल नेटवर्क है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, आधार आधारित भुगतान प्रणाली, और पोस्ट ऑफिस पासबुक से जुड़ी मोबाइल सेवाएं इस बात का प्रमाण हैं कि डाक विभाग ने समय के साथ खुद को आधुनिक बनाया है,” उन्होंने कहा। PMG राय ने यह भी बताया कि मुख्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी मंडलों,अयोध्या, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, लखनऊ और लखनऊ जीपीओ में ग्राहकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए एक नई पहल की गई है।
ग्राहकों की शिकायतों को सुनने और उनका निवारण करने के लिए “डाक सेवा समाधान दिवस” की शुरुआत की गई है। यह दिवस हर महीने के पहले और तीसरे शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मंडलीय कार्यालयों में डाक अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी आम नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और तत्काल समाधान करेंगे।
PMG राय ने बताया कि इस व्यवस्था से पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी। “हम चाहते हैं कि जनता का भरोसा और सुविधा दोनों बने रहें। यही हमारे विभाग का मूल उद्देश्य है,” उन्होंने कहा।
PMG राय ने बताया कि भारतीय डाक विभाग आज सिर्फ पत्र-वितरण का माध्यम नहीं, बल्कि ‘पब्लिक सर्विस का डिजिटल पुल’ बन चुका है। ग्रामीण इलाकों में डाकिये अब बैंकिंग, बीमा, निवेश और सरकारी योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “डाक विभाग अब हर नागरिक के द्वार तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का सबसे भरोसेमंद माध्यम बन गया है। चाहे बुजुर्गों को जीवितता प्रमाणपत्र की जरूरत हो, या गांव की बेटी के लिए सुकन्या खाता - हर सेवा अब ‘घर तक’ पहुंचाई जाएगी।
इस नई सुविधा की घोषणा के बाद पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन वर्ग में खुशी की लहर है। लखनऊ निवासी 72 वर्षीय रामप्रकाश शर्मा ने कहा, “हर साल बैंक या पेंशन ऑफिस जाकर लाइन में लगना बहुत मुश्किल होता था। अब अगर डाकिया घर आकर यह काम कर देगा, तो यह बहुत बड़ी राहत है।” वहीं 68 वर्षीय गीता देवी ने कहा, “हम जैसी महिलाओं के लिए यह सुविधा बहुत उपयोगी है। उम्र के कारण दफ्तरों में जाना मुश्किल होता है। अब घर पर ही प्रमाणपत्र मिल जाएगा, यह बहुत अच्छा कदम है।”
जो सीनियर सिटीजन इस सेवा का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ऐप या वेबसाइट के माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं। डाकिया तय समय पर उनके घर पहुंचकर आधार आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करेगा और डिजिटल जीवितता प्रमाणपत्र जारी करेगा। शुल्क ₹70 ऑनलाइन माध्यम से जमा करना होगा। प्रमाणपत्र की कॉपी ईमेल या मोबाइल पर तुरंत उपलब्ध होगी, साथ ही पेंशन जारी करने वाले विभाग को स्वतः भेज दी जाएगी।
Updated on:
11 Oct 2025 03:09 pm
Published on:
11 Oct 2025 01:15 pm
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