
Green vegetables
गर्मी के कारण हरी सब्जियों के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। आलू और प्याज के साथ टमाटर के दाम भी बढ़ रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में प्याज और टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। आम आदमी का एकमात्र सहारा आलू भी महंगा हो गया है। होली के बाद से आलू के दाम में कोई कमी नहीं आई है। होली पर 20 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 30 से 35 रुपये किलो बिक रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि शायद अगस्त में दामों में गिरावट आ सकती है।
भारतीय किसान एवं आढ़ती वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नजमुद्दीन राइनी के अनुसार, इस बार आलू का उत्पादन कम हुआ है, जिससे दाम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि हरी सब्जियों के दाम गर्मी की वजह से बढ़ रहे हैं। यदि यही हाल रहा तो सब्जियों के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब जमाखोरी का खेल है। बड़े-बड़े जमाखोरों ने किसानों से आलू खरीदकर कोल्ड स्टोरेज में स्टोर कर रखा है और अपने हिसाब से आलू निकाल रहे हैं।
लखनऊ में सब्जियों के दाम में अचानक से बढ़ोतरी हुई है। एक सप्ताह पहले जो आलू फुटकर बाजार में 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा था, अब उसकी कीमत 35 से 40 रुपये किलो हो गई है। हरी सब्जियों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। भिंडी 60 रुपये किलो, बीन्स 70 रुपये, शिमला मिर्च 80 से 100 रुपये किलो, लौकी 40 रुपये, कद्दू 50 रुपये किलो बिक रहा है। आम आदमी के लिए हरी सब्जियां खरीदना मुश्किल हो गया है। प्याज और टमाटर के दाम भी दोगुने हो गए हैं। अदरक 180 से 200 रुपये किलो और लहसुन 200 रुपये किलो बिक रहा है।
गर्मी और महंगाई ने जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं और अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आम आदमी की परेशानी और बढ़ सकती है। जमाखोरी और उत्पादन की कमी इस समस्या के प्रमुख कारण हैं।
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Updated on:
26 Jun 2024 10:43 am
Published on:
26 Jun 2024 08:24 am
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