
Railway News
Railway News: पूरे देश के कुली अपना सत्याग्रह अभियान शुरू करने जा रहे हैं। यह अभियान रेलवे में अपनी आजीविका के अधिकार और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर किया जाएगा। कुलियों का कहना है कि बढ़ते निजीकरण और आधुनिकीकरण के कारण उनकी आजीविका संकट में पड़ गई है। इस संकट को दूर करने के लिए वे केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें 2008 की तरह रेलवे में योग्यता अनुसार नौकरियां दी जाएं। इसके साथ ही स्टेशन पर बैटरी रिक्शा के संचालन के नियम बनाए जाएं, जिनमें केवल वृद्ध, विकलांग और बीमार व्यक्तियों को ही इस सुविधा का लाभ मिले।
कुलियों की राष्ट्रीय वर्चुअल बैठक में इस सत्याग्रह अभियान का निर्णय लिया गया। बैठक में कुलियों ने कहा कि रेलवे में निजीकरण और ट्रॉली सेवा के लिए आउटसोर्सिंग के कारण उनकी आय में भारी गिरावट आई है। प्रयागराज डिवीजन में ट्रॉली सेवा के लिए आउटसोर्सिंग का टेंडर जारी किया गया है, जिससे कुलियों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है।
वर्तमान में रेलवे स्टेशनों पर कुलियों का काम तेजी से कम हो रहा है, और उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। बैठक में कुलियों ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है, और सरकार का कर्तव्य है कि वह सभी नागरिकों के आजीविका का प्रबंध करे। मौजूदा समय में कुली अपने रोजगार से जीवन यापन नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
बैठक में कुलियों ने मांग की कि केंद्र सरकार 2008 की तरह फिर से रेलवे में कुलियों के लिए नौकरी की प्रक्रिया शुरू करे। इसके अलावा, स्टेशन पर बैटरी रिक्शा चलाने के लिए नियम बनाए जाएं, ताकि यह सुविधा केवल उन लोगों के लिए हो, जिन्हें इसकी असली जरूरत है। साथ ही, ट्रॉली सेवा को आउटसोर्सिंग कंपनी को देने की प्रक्रिया पर भी रोक लगाई जाए, ताकि कुलियों का रोजगार सुरक्षित रह सके।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सत्याग्रह अभियान के दौरान कुली अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे। इसके लिए सभी डिवीजन के कुलियों ने अपनी सहमति जताई है, और वे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेजकर अपनी मांगें सामने रखेंगे।
कुलियों की वर्चुअल बैठक के बाद यह तय किया गया है कि एक बड़ी बैठक लखनऊ में आयोजित की जाएगी, जहां सत्याग्रह अभियान की आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। बैठक में 68 डिवीजनों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें फत्ते मोहम्मद, अदनान, अरुण कुमार यादव, और कई अन्य प्रमुख कुली नेता शामिल थे। इस बैठक में कुलियों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा और कहा कि उनकी मांगों को अनदेखा करना सरकार के लिए ठीक नहीं होगा।
इस सत्याग्रह के जरिए कुलियों का उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि रेलवे का निजीकरण और आधुनिकीकरण उनकी आजीविका पर सीधा असर डाल रहा है, और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
. 2008 की तरह रेलवे में कुलियों को नौकरी मिले।
. स्टेशन पर बैटरी रिक्शा की सेवा का सही ढंग से नियमन हो।
. ट्रॉली सेवा को आउटसोर्सिंग कंपनी को देने पर रोक लगे।
. कुलियों के बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य लाभ मिले।
. कुलियों को चार वर्दी साल में दी जाएं और इस नियम का पालन हो।
Published on:
28 Sept 2024 09:04 pm
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