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Rain and Flood Update: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद बैराजों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला तो रुक गया है, लेकिन पड़ोसी देश नेपाल में भारी बारिश की वजह से घाघरा और गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। घाघरा, राप्ती, बूढ़ी राप्ती और क्वानों नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि शारदा, रामगंगा और गंडक नदी के जलस्तर में गिरावट आई है और ये नदियां अब खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
पिछले 24 घंटों में बाढ़ प्रभावित जिलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें सबसे अधिक 6 लोगों की मौत डूबने से हुई है। बाढ़ के पानी की वजह से लखनऊ-बरेली हाइवे का डायवर्जन करना पड़ा है। नेपाल में अतिवृष्टि के कारण उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती 17 जिलों की करीब 80 लाख की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है।
सीतापुर, सोनभद्र, बांदा, अमेठी, आजमगढ़, इटावा, ललितपुर, बलरामपुर और बदायूं में एक-एक तथा फर्रुखाबाद में दो लोगों की मौत हुई है। जबकि कल बाढ़ की चपेट में आकर 54 लोगों की मौत हुई थी।
नेपाल के नारायणी बेसिन के ककसी जिले में रिकॉर्ड बारिश होने से गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, अभी यह खतरे के निशान से मात्र 15 सेमी दूर है। गंडक का जलस्तर बढ़ने से महाराजगंज और कुशीनगर में बाढ़ के हालात और खराब हो गए हैं, जबकि घाघरा का जलस्तर बढ़ने से इसके आसपास के जिलों में स्थिति और बिगड़ गई है। राज्य ने केंद्र से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें मांगी हैं तथा सेना को अलर्ट रहने को कहा गया है।
बाढ़ की चपेट में आए जिलों में मुरादाबाद, आजमगढ़, सीतापुर, बाराबंकी, बलिया, बरेली, बस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, शाहजहांपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और हरदोई शामिल हैं। इन जिलों में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के लगभग तीस जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाव दल निकालने में जुटे हैं। सरकार ने अन्य जिलों में बाढ़ की चपेट में आने से इनकार किया है।
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Published on:
13 Jul 2024 08:09 am
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