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Road Accident: हादसे के बाद मची चीख-पुकार: बिहार से दिल्ली जा रही 40 सवारियों से भरी बस कंटेनर में जा घुसी, घंटों चला राहत व बचाव अभियान

Road Accident Bihar to Delhi bus राजधानी लखनऊ में सोमवार तड़के बड़ा सड़क हादसा हो गया, जब बिहार से दिल्ली जा रही 40 यात्रियों से भरी तेज रफ्तार बस आउटर रिंग रोड पर आगे चल रहे कंटेनर में जा घुसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मौके पर चीख-पुकार मच गई।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 06, 2025

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Road Accident Lucknow: राजधानी लखनऊ में सोमवार तड़के हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने सभी को झकझोर दिया। बिहार से दिल्ली जा रही 40 यात्रियों से भरी एक तेज़ रफ्तार बस आउटर रिंग रोड पर उदत खेड़ा अंडरपास के पास आगे चल रहे कंटेनर में जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। मौके पर चीख-पुकार मच गई और यात्रियों में दहशत फैल गई। हादसे के बाद ड्राइवर नफीस (निवासी,पलड़ा गांव, बागपत) केबिन में बुरी तरह फंस गया। सूचना मिलते ही दमकल विभाग और काकोरी पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद चालक को काटकर बाहर निकाला गया। फिलहाल चालक को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जबकि सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

कैसे हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, यह बस मुजफ्फरपुर (बिहार) से दिल्ली जा रही थी। आउटर रिंग रोड पर उदत खेड़ा अंडरपास के पास तड़के करीब चार बजे बस तेज रफ्तार में आगे बढ़ रही थी। तभी अचानक आगे चल रहे एक भारी कंटेनर ने स्पीड कम की। बस चालक नफीस कंटेनर से पर्याप्त दूरी न बना पाने के कारण नियंत्रण खो बैठा और बस सीधे कंटेनर के पिछले हिस्से में घुस गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस का आगे का हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और केबिन में चालक बुरी तरह फंस गया। आस-पास के इलाके में लोगों की नींद हादसे की आवाज़ से खुल गई। स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े और तुरंत पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी।

घंटों चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलते ही काकोरी पुलिस और आलमबाग फायर स्टेशन के अफसर डी.पी. सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। राहत-बचाव कार्य के लिए दमकल कर्मियों ने कटिंग टूल्स और गैस कटर का इस्तेमाल किया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चालक नफीस को केबिन से सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। उसे एम्बुलेंस से ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

यात्रियों में मची अफरा-तफरी

हादसे के वक्त बस में करीब 40 यात्री सवार थे। टक्कर के तुरंत बाद यात्रियों में भगदड़ मच गई। कई लोग सीटों के नीचे दब गए, कुछ को मामूली चोटें आईं। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी यात्री की जान नहीं गई। काकोरी पुलिस ने सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और दूसरी बस की व्यवस्था कर उन्हें उनके गंतव्य दिल्ली के लिए रवाना कराया।

पुलिस और प्रशासन की तत्परता

घटना की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर काकोरी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने तुरंत रूट डायवर्ट किया। क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त बस को सड़क से हटाया गया ताकि यातायात बहाल किया जा सके। इंस्पेक्टर ने बताया कि बस का पंजीकरण बिहार में है और चालक नफीस मूल रूप से बागपत जिले के पलड़ा गांव का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि हादसे में बस चालक केबिन में फंस गया था, जिसे सुरक्षित निकाल लिया गया है। सभी सवारियां सुरक्षित हैं और उन्हें आगे की यात्रा के लिए भेज दिया गया है। प्राथमिक जांच में ओवरस्पीडिंग की बात सामने आई है।

तकनीकी जांच और रिपोर्ट

घटना के बाद पुलिस ने बस और कंटेनर दोनों को थाने लाकर यांत्रिक जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में बस की ब्रेक फेल या ड्राइवर की लापरवाही की आशंका जताई जा रही है। बस के इंजन पार्ट्स और ब्रेक सिस्टम की जांच विशेषज्ञ टीम द्वारा कराई जाएगी। साथ ही बस ऑपरेटर कंपनी से भी सवाल-जवाब शुरू हो गए हैं कि यात्रा से पहले वाहन की तकनीकी जांच क्यों नहीं कराई गई थी।

स्थानीय लोगों की सूझबूझ

स्थानीय निवासी रमेश यादव ने बताया कि हादसे की आवाज़ इतनी तेज थी कि आस-पास के लोग सहम गए। हम लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। बस का आगे का हिस्सा पूरी तरह अंदर धंस गया था। कुछ लोग अंदर फंसे थे। पुलिस और दमकल टीम को फोन करने के बाद हमने खिड़कियों से यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। उनकी सूझबूझ और तत्परता से कई लोगों की जान बच सकी।

चालक की हालत और चिकित्सीय सहायता

ड्राइवर नफीस की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने बताया कि उसे सिर और पैर में गहरी चोटें आई हैं। फिलहाल उसे ICU में निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, स्थिति नियंत्रण में है, पर अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण रहेंगे।

तेज रफ्तार और लापरवाही पर सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है। हाईवे और आउटर रिंग रोड पर तेज रफ्तार और नींद में वाहन चलाने के कारण अक्सर हादसे होते हैं। परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन लगातार स्पीड मॉनिटरिंग की बात करते हैं, लेकिन दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी दूरी तय करने वाले बस चालकों को बीच में पर्याप्त आराम नहीं मिलता, जिससे थकान के कारण हादसे की संभावना बढ़ जाती है।