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लखनऊ

कोरोना मरीजों को लेकर सरकार ने बदले नियम, अब इतने समय में किया जाएगा अस्पताल से डिस्चार्ज

कोरोना वायरस मरीजों का यूपी में रिकवरी रेट सक्रिय मरीजों से बेहतर है। बुधवार तक 3855 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस जा चुके हैं और कुल सक्रिय मरीज अब 2790 हैं।

लखनऊMay 27, 2020 / 05:18 pm

Abhishek Gupta

Corona patient

Corona patient

लखनऊ. कोरोना वायरस मरीजों का यूपी में रिकवरी रेट सक्रिय मरीजों से बेहतर है। बुधवार तक 3855 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस जा चुके हैं और कुल सक्रिय मरीज अब 2790 हैं। यह आंकड़े दर्शा रहे हैं कि कोरोना को मात देना पहले के मुकाबले अब कुछ आसान हो गया है। वहीं अब कोरोना संक्रमितों की डिस्चार्ज पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है, जिससे अब 21 दिनों की बजाए 13 दिन में ही कोरोना मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकेंगे, हालांकि इसके बाद भी मरीज को घर में क्वारेंटीन होना पड़ेगा, मतलब घर के एक अलग कमरे में पूरी सतर्कता के साथ रहना होगा। यह नियम सिर्फ उन मरीजों पर लागू होगा जो कम गंभीर होंगे या जिन्हें हल्की खांसी, जुकाम व बुखार आदि होगा। अभी तक अनुमन सभी ऐसे कोरोना रोगियों को अस्पताल के आईसोलेशन वॉर्ड में 21 दिनों तक रहना पड़ता था। इन मरीजों का बार-बार रियल टाइम पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट भी करवाना पड़ता था। बुखार कम होने पर या कोई अन्य लक्षण न दिखने पर जब यह मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य दिखते थे, तभी उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता था। लेकिन अब ऐसे कम गंभीर रोगियों में दस दिनों तक कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिलता है व तीन दिनों तक बुखार नहीं आता है, तो उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि 13 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मरीजों को सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा व आइसोलेशन के सख्त नियमों का पालन भी करना होगा।
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सभी कोविड-19 अस्पतालों को निर्देश जारी-

यूपी चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से सभी कोविड-19 अस्पतालों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के बारे में जानाकारी देते हुए बताया गया है कम गंभीर रोगी जिन्हेंं भर्ती करते समय सांस लेने में दिक्कत थी, मतलब जो मध्यम श्रेणी में आते हैं, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर यदि दस दिनों तक कोई लक्षण न दिखे व बीते तीन दिनों से बुखार नहीं है साथ ही पिछले चार दिनों से वह बिना आक्सीजन सपोर्ट के अस्पताल में हैं, तो उन्हें छुट्टी मिल जाएगी।
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