
कोरोना इफेक्ट: रायपुर में 34 निजी स्कूल बंद, 6 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूल में दाखिला लेने में दिक्कत
लखनऊ. राज्य सरकार 30 सितंबर तक उत्तर प्रदेश में स्कूलों को फिर से खोलने पर फैसला लेगी, लेकिन अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (UPSA) ने पहले ही प्रशासन को एक प्रस्ताव पेश कर दिया है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि स्कूल तभी खोले जाएं जब अभिभावक लिखित में छात्र के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लें। प्रस्ताव में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से खोलने की अस्थायी तारीखें भी शामिल हैं। UPSA अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला को दिए गए प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया है कि स्कूल को 10 दिनों के लिए 10वीं और 12वीं की कक्षाएं चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए। 10 दिनों के बाद परीक्षण के आधार पर कक्षा 6 की क्लासेस शुरू की जा सकती हैं।
अग्रवाल ने कहा कि परीक्षण से विद्यालय को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या कक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संभव हैं। प्रस्ताव में दो शिफ्टों में कक्षाएं आयोजित करने का प्रावधान शामिल है। पहली शिफ्ट सुबह 8-11 और दूसरी दोपहर 12-3 होगी। सुबह होने वाली एसेंबली इममें नहीं होगी। बिना मास्क के छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगी। वहीं स्कूल प्रशासन को सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रखना हैं। ज्यादा भीड़भाड़ से बचने के लिए स्कूल ग्राउंड व गेट के पास सफेद रंग के गोले बनाने के लिए कहा गया है।
12, 26 अक्टूबर को होंगे ट्रायल-
अग्रवाल ने कहा कि हम पहले 12 अक्टूबर से ट्रायल के आधार पर 10 दिनों के लिए 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को चलाना चाहते हैं। फिर ट्रायल के आधार पर 26 अक्टूबर से 9वीं और 11वीं की कक्षाएं शुरू करेंगे। सभ कुछ ठीक रहा तो 18 नवंबर से कक्षा 6वीं से 8वीं की कक्षाएं शुरू की जा सकती हैं। शुरुआत में, केवल 2-3 घंटे की कक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों पर भी कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इनमें किताबों की कोई उधारी, टिफिन का बँटवारा, अवकाश में कक्षा से बाहर जाना, स्कूल के समय से पहले या बाद में ग्रुप में खड़े रहना जैसी बातें शामिल हैं।
Published on:
29 Sept 2020 04:45 pm
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