
State Electricity Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बिजली की दरें न बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे राज्य के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आश्वासन दिया है कि बिजली दरें न वर्तमान में बढ़ाई गई हैं और न ही भविष्य में कोई वृद्धि होगी।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने टाटा पावर के उड़ीसा मॉडल को लेकर चिंता जताई, जो उत्तर प्रदेश में लागू किए जाने पर बिजली महंगी होने का संकेत देता है। परिषद का कहना है कि उड़ीसा में कनेक्शन शुल्क और स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें काफी अधिक हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव बढ़ा है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निजीकरण योजना को उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर ही लागू किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं की समस्याओं को प्राथमिकता देने की बात कही, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार जनहित में कोई भी निर्णय लेने से पहले गहन समीक्षा करेगी।
यह चौथा साल है जब राज्य सरकार ने बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस निर्णय से राज्य के ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से राहत मिली है।
विशेषज्ञों की राय
विभिन्न विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और उपभोक्ता विश्वास को बनाए रखने में मदद करेगा।
Published on:
05 Dec 2024 10:12 pm
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