
File Photo of PM Modi with Kalyan Singh
योगी आदित्यनाथ सरकार Former Chief MinisterKalyan Singh की पुण्यतिथि बेहतर तरीके से मनाने की तैयारी कर रही है. राज्य सरकार ने प्रतिमा स्थापित करने की जिम्मेदारी लखनऊ नगर निगम को सौंपी है। गांव के मामूली शिक्षक से ‘राजनीति का सिंह’ बनने वाले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान के राज्यपाल रहे स्व. कल्याण सिंह को पद्म-विभूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया था. ऐसे आगामी चुनावों से पहले भाजपा ने प्रदेश के लोधी समाज को भी साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। प्रदेश में 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता विधानसभा चुनावों में मतदान करेंगे, इसमें लोधी समाज के वोटरों की संख्या लगभग सवा करोड़ है।
Kalyan Singh Pratima Sthal 1090
एलएमसी ने राज्य के लिए 1090 चौराहे पर जगह चिन्हित की है। अतिरिक्त नगर आयुक्त अभय पांडे ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के सचिव को पत्र लिखकर पेडस्टल के निर्माण के लिए एनओसी की मांग की है। जिस स्थान पर प्रतिमा स्थापित की जानी है, वह स्मारक समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है। एलडीए उपाध्यक्ष स्मारक समिति के सदस्य सचिव हैं।
अगस्त २०२१ को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन राजधानी लखनऊ में हुआ था, इसी दिन उनकी पहली पुण्यतिथि को पूरे देश भर में मनाया जाएगा। लेकिन उत्तर प्रदेश में २१ अगस्त को ही उनकी प्रतिमा स्थापित करते हुए पूर्व संध्या पर पुण्यतिथि मनाई जाएगी। कल्याण सिंह का नाम राजनितिक तौर पर भी रामभक्तों में जाता है।
उनके देहांत पहले पीजीआई में इलाज के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तबीयत के बारे में जानकारी लेते थे, यहां तक कि सीएम योगी आदित्यनाथ हर हफ्ते अस्पताल जाकर उनकी खैरियत पूछा करते थे। जब उनका निधन हुआ तो बीजेपी के सभी नेताओं के साथ खुद पीएम मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. यह बताने के लिए काफी है कल्याण सिंह के बीजेपी और यूपी में क्या मायने थे। ऐसे वक्त में लोकसभा चुनाव २०२४ की तयारी में जब केंद्र से लेकर प्रदेश तक में पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश चल रही है, तब कल्याण सिंह की अहमियत और भी बढ़ जाती है।
Updated on:
11 Aug 2022 11:52 pm
Published on:
11 Aug 2022 11:51 pm
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