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अब पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी ट्रेन में एंट्री, फिंगर प्रिंट देने से मिलेगी सीट

- पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर मिलेगी सीट - बायोमीट्रिक मशीन से फिंगर प्रिंट देने पर मिलेगी सीट - भीड़ कंट्रोल करने के लिए बायोमीट्रिक मशीन का इस्तेमाल

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पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी ट्रेन में एंट्री, बायोमीट्रिक मशीन से देना होगा फिंगर प्रिंट

लखनऊ. स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ संभालने के लिए रेलवे सरक्षा बल (आरपीएफ) ने नई पहल की है। अब पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर सीट उपलब्ध होगी। मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से लखनऊ के लिए चलने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में बायोमीट्रिक सिस्टम का ट्रायल हुआ जो कि सफल रहा। अब अन्य ट्रेनों में भी इस उपाय को लागू कर भीड़ पर काबू पाने की तैयारी है।

भीड़ संभालने में मददगार

बायोमीट्रिक सिस्टम भीड़ कंट्रोल करने में मददगार साबित हो रही। यात्री बायोमीट्रिक मशीन से गुजरने के बाद ही ट्रेन डिब्बों में सवार हो सकेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के निर्देश में आम रेल यात्रियों की तकलीफों को दूर करने के मद्देनजर आरपीएफ की ओर से की गई यह पहल स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ संभालने में बेहद मददगार मानी जा रही।पुष्पक एक्स्प्रेस में ट्रायल

बायोमीट्रिक मशीन का ट्रायल सबसे पहले पुष्पक एक्सप्रेस में किया गया। सफल ट्रायल के बाद इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा। अब जरूरत के हिसाब से उन सभी ट्रेनों की जनरल बोगियों में यात्रियों के प्रवेश के लिए बायोमीट्रिक सुविधा लागू करने की तैयारी है, जिसमें भारी भीड़ के कारण उपद्रव की स्थिति हो जाती है। बायोमीट्रिक सुविधा होने से ट्रेनों की सीटों पर कब्जे के लिए यात्रियों के बीच मारपीट की नौबत नहीं आएगी।

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इस तरह काम करेगी बायोमीट्रिक मशीन

संबंधित ट्रेन में सवार होने के लिए यात्री को बायोमीट्रिक सिस्टम से गुजरना होगा। मशीन में उंगली लगाकर फिंगर प्रिंट देना होगा। इसके बाद आपके लिए सीट रिजर्व हो जाएगी। वहीं ट्रेन आ जाने पर यात्रियों को अपना फिंगर प्रिंट मैच कराना होगा। इसके बाद उन्हें बोगी में एंट्री मिलेगी। लेकिन यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि बोगी की जितनी क्षमता होगी, उतनी ही मशीन फिंगर प्रिंट लेगी। इस तरह पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर यात्रियों को सीट मिल सकेगी।