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UP ATS को बड़ी सफलता: ISI के लिए जासूसी करने वाले आरोपी गिरफ्तार

ATS :उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ISI के लिए जासूसी करने वाले एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी रविंद्र सिंह को एक महिला एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था, जिसने उसे पैसों का लालच देकर भारत की गोपनीय जानकारी हासिल की। पुलिस ने रविंद्र के साथ उसके एक और साथी को भी आगरा से गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Mar 14, 2025

ATS के हाथ लगा बड़ा सुराग

ATS के हाथ लगा बड़ा सुराग

UP ATS को लंबे समय से देश में ISI के लिए काम कर रहे जासूसों की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद एजेंसी ने अपनी जांच तेज कर दी और सुराग मिलने पर एक गुप्त ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान ATS को पता चला कि आगरा में रहने वाला रविंद्र सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को गोपनीय जानकारी भेज रहा है।

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ATS को सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के जरिए पाकिस्तान की महिला एजेंट से संपर्क में था। कई महीनों तक चली निगरानी के बाद एजेंसी ने रविंद्र सिंह और उसके एक साथी को धर दबोचा।

पाकिस्तानी एजेंट से संपर्क में था आरोपी
ATS की जांच में खुलासा हुआ कि रविंद्र सिंह एक महिला एजेंट के संपर्क में था, जिसने खुद को 'नेहा शर्मा' नाम बताकर उससे दोस्ती की थी। पहले तो वे सामान्य बातचीत करते थे, लेकिन धीरे-धीरे महिला ने उसे गोपनीय सूचनाएं जुटाने के लिए तैयार किया।

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महिला ने रविंद्र को लालच देकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां निकलवानी शुरू कर दीं। व्हाट्सएप चैट और फोन कॉल्स के जरिए रविंद्र ने कई संवेदनशील दस्तावेज और जानकारियां साझा कीं। ATS को आरोपी के फोन से कई महत्वपूर्ण चैट और गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिन्हें उसने पाकिस्तान भेजा था।

आरोपी को पैसे का लालच देकर बनाया गया जासूस

ATS की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने पैसों के लालच में यह काम किया। उसे महिला एजेंट ने विश्वास दिलाया कि उसके बदले उसे भारी रकम दी जाएगी। ATS सूत्रों के मुताबिक, "आरोपी को ISI द्वारा वित्तीय मदद का लालच दिया गया था, जिससे वह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने को तैयार हो गया।" ATS अधिकारियों ने बताया कि "ऐसे मामलों में अक्सर दुश्मन एजेंसियां लोगों को पैसे और भावनात्मक जुड़ाव का लालच देकर जाल में फंसाती हैं।"

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ATS ने कैसे पकड़ा आरोपी

  • ATS की टीम ने आरोपी की गतिविधियों पर महीनों से नजर बनाए रखी थी। एजेंसी ने उसके सोशल मीडिया प्रोफाइल्स, कॉल रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजेक्शनों की जांच की।
  • ATS ने आरोपी की चैट हिस्ट्री खंगाली, जिससे उसके पाकिस्तान की एजेंट से संपर्क होने की पुष्टि हुई।आरोपी के फोन से मिले दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।दूसरे गिरफ्तार आरोपी से भी पूछताछ की जा रही है कि वह किस हद तक इस साजिश में शामिल था।ATS अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं।

ISI के निशाने पर भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां

  • ISI लंबे समय से भारत की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए विभिन्न तरीकों से जासूसी करवा रही है। हाल के वर्षों में कई मामलों में भारतीय नागरिकों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे गोपनीय जानकारी निकलवाई गई है।
  • सोशल मीडिया जासूसी: दुश्मन एजेंसियां सोशल मीडिया के जरिए भारतीय नागरिकों से संपर्क कर उन्हें जाल में फंसाती हैं।
  • पैसे का लालच: आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को पैसे देकर उनसे संवेदनशील जानकारी निकलवाई जाती है।
  • हनी ट्रैप: दुश्मन देश की महिला एजेंटों द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर जासूसी करने के लिए तैयार किया जाता है।
  • इस तरह के मामलों में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिससे यह साफ होता है कि ISI लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रही है।

ATS ने किया अलर्ट जारी

इस मामले के सामने आने के बाद ATS और अन्य खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्स के जरिए हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है। ATS ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से बातचीत करते समय सतर्क रहें और किसी अनजान व्यक्ति को अपने निजी दस्तावेज या महत्वपूर्ण जानकारी न दें।

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जासूसी की साजिश को नाकाम किया गया

UP ATS ने इस बड़ी गिरफ्तारी से देश की सुरक्षा को मजबूत किया है। रविंद्र सिंह और उसके साथी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि दुश्मन देश किस तरह भारतीय नागरिकों को अपने जाल में फंसाकर जासूसी करवा रहा है। ATS अब इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच को और आगे बढ़ा रही है। आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि इस तरह की देशविरोधी गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके।