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Coldrif Cough Syrup Ban: बच्चों की मौतों के बाद उत्तर प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पर बैन, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया सख्त आदेश

Coldrif Cough Syrup Ban in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें पाए जाने वाले डाइइथिलीन ग्लाइकोल की अत्यधिक मात्रा बच्चों के लिए जानलेवा है। सहायक आयुक्त औषधि ने आदेश जारी किया कि किसी भी सरकारी या निजी दवा दुकान और अस्पताल में इस सिरप की बिक्री या उपयोग नहीं होगा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 06, 2025

डाई एथिलीन ग्लाइकोल युक्त कोल्ड्रिफ सिरप अब सरकारी और निजी दवा दुकानों में प्रतिबंधित, जब्ती और जांच के आदेश जारी (फोटो सोर्स Whatsapp )

डाई एथिलीन ग्लाइकोल युक्त कोल्ड्रिफ सिरप अब सरकारी और निजी दवा दुकानों में प्रतिबंधित, जब्ती और जांच के आदेश जारी (फोटो सोर्स Whatsapp )

Uttar Pradesh Coldrif Cough Syrup Ban: उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। सहायक आयुक्त औषधि ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी या निजी दवा दुकान और अस्पताल में इस सिरप की खरीद-फरोख्त नहीं होगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि जहां भी कोल्ड्रिफ सिरप पाया जाएगा, उसे जब्त कर सैंपल की जांच कराई जाएगी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य है बच्चों और आम जनता को इस जानलेवा सिरप से होने वाले खतरे से बचाना।

कोल्ड्रिफ सिरप और खतरा

कोल्ड्रिफ सिरप का निर्माण श्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा किया जाता है। हालिया जांच में यह खुलासा हुआ कि इस सिरप में डाइइथिलीन ग्लाइकोल नामक रसायन पाया गया है।

विशेषताएं और खतरनाक मात्रा

  • डाइइथिलीन ग्लाइकोल आमतौर पर पेंट, स्याही और रंग बनाने में इस्तेमाल होता है।
  • सिरप में इसे पतला और मीठा करने के लिए मिलाया जाता है।
  • सुरक्षित मात्रा केवल 0.1 प्रतिशत होनी चाहिए।
  • जांच में पाया गया कि इस सिरप में 48.6 प्रतिशत तक डाइइथिलीन ग्लाइकोल मौजूद था।
  • इस अत्यधिक मात्रा के कारण बच्चों की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और मौतें हुईं।

घटनाक्रम और मृत्यु की पुष्टि

  • कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौतों के मामले पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में सामने आए थे।
  • इन राज्यों में 11 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई थी।
  • बच्चों में गंभीर जिगर और गुर्दे की समस्या देखी गई।
  • मौतों की वजह सिरप में डाइइथिलीन ग्लाइकोल की अत्यधिक मात्रा बताई गई।
  • इन घटनाओं के बाद संबंधित राज्यों ने भी कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • कोल्ड्रिफ सिरप पहले से ही कई देशों में प्रतिबंधित है।
  • अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में यह सिरप बैन है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी डाइइथिलीन ग्लाइकोल युक्त दवाओं को खतरनाक मानता है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित मात्रा का उल्लंघन सीधे स्वास्थ्य के लिए जानलेवा है।

सुरक्षा उपाय और कार्रवाई

उत्तर प्रदेश औषधि विभाग ने कहा कि सभी दवा दुकानों और अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे इस सिरप की बिक्री रोकें। जमीन पर निगरानी टीमों को सक्रिय किया गया है। यदि सिरप पाया गया तो इसे जब्त कर सैंपल जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। कानूनी कार्रवाई के तहत जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। सहायक आयुक्त औषधि ने लोगों से अपील की है कि किसी भी बच्चा या वयस्क के लिए कोल्ड्रिफ सिरप का सेवन न करें।

विशेषज्ञों की राय

डाइइथिलीन ग्लाइकोल के खतरों को लेकर विशेषज्ञ डॉ. रेखा शर्मा ने कहा कि यह रसायन जिगर और गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। बच्चों में यह अत्यधिक संवेदनशील होता है और सामान्य मात्रा से अधिक सेवन मौत का कारण बन सकता है। डॉ. शर्मा ने आगे बताया कि सिरप में 48.6 प्रतिशत रसायन पाया गया, जो लगभग 500 गुना अधिक सुरक्षित सीमा से ऊपर है। इस कारण बच्चों की मौतें हुईं और सरकार का प्रतिबंध बिल्कुल उचित है।

सरकारी कदम और जिम्मेदारी

  • सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है।
  • सहायक आयुक्त औषधि ने आदेश जारी कर सिरप की खरीद-फरोख्त पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी।
  • सभी फार्मास्युटिकल कंपनियों को चेतावनी दी गई कि वह किसी भी उत्पाद में डाइइथिलीन ग्लाइकोल का प्रयोग सुरक्षित मात्रा से अधिक न करें।
  • यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो कानूनी कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान किया गया।

जनता और अभिभावकों के लिए चेतावनी

  • बच्चों के लिए सिरप खरीदने या उपयोग करने से बचें।
  • यदि किसी दुकान या अस्पताल में यह सिरप उपलब्ध हो तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
  • किसी भी सस्पेक्टेड सिरप का सेवन न करें, चाहे वह सामान्य प्रतीत हो।
  • बच्चों में सिरप के सेवन के बाद अत्यधिक उल्टी, सुस्ती, जिगर या गुर्दे में समस्या देखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मीडिया और जागरूकता

  • इस मामले ने मीडिया और सोशल नेटवर्किंग पर भी चर्चा का विषय बनाया है।
  • समाचार चैनल और अखबारों ने सिरप के खतरों और बच्चों की मौतों की जानकारी साझा की।
  • विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने जनता को चेतावनी और सुरक्षित विकल्प अपनाने की सलाह दी।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #ColdRiphBan और #ChildSafety जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।