
D PharmaCounselling (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
UP D.Pharm 2025 Special Counselling Phase 5 Begins: उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी.फार्मा) पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए एक बार फिर सुनहरा अवसर सामने आया है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (JEECUP) ने विशेष काउंसलिंग का पांचवा चरण प्रारंभ करने की घोषणा की है। परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह ने बताया कि यह ऑनलाइन काउन्सिलिंग प्रक्रिया 4 नवम्बर 2025 से 11 नवम्बर 2025 तक चलेगी। इस अवधि के दौरान पात्र अभ्यर्थी अपने लॉगिन के माध्यम से ऑनलाइन विकल्प भर सकते हैं, सीट आवंटन देख सकते हैं और शुल्क जमा करने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने बताया है कि यह काउंसलिंग चरण पूरी तरह ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से संचालित किया जाएगा ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम बनी रहे। सभी अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि वे समय-सीमा का पालन करते हुए परिषद की अधिकृत वेबसाइट www.jeecup.admissions.nic.in पर जाकर अपनी काउंसलिंग संबंधी गतिविधियां पूर्ण करें। सचिव ने कहा कि अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अधिक से अधिक संस्थानों के विकल्पों का चयन (Choice Filling) करें ताकि उन्हें सीट प्राप्ति की संभावना अधिक हो। इस बार की विशेष काउंसलिंग में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को भी भाग लेने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, अल्पसंख्यक संस्थानों में विशेष कोटे की सीटों के लिए भी यह प्रक्रिया समान रूप से लागू रहेगी।
| चरण | प्रक्रिया | दिनांक |
| चॉइस फिलिंग (Choice Filling) | 4 नवम्बर से 6 नवम्बर 2025 | |
| सीट आवंटन (Seat Allotment) | 7 नवम्बर 2025 | |
| सिक्योरिटी शुल्क जमा एवं दस्तावेज़ सत्यापन | 8 नवम्बर से 10 नवम्बर 2025 | |
| सीट वापसी की अंतिम तिथि | 10 नवम्बर 2025 | |
| ऑनलाइन पीआई रिपोर्टिंग की अंतिम तिथि | 11 नवम्बर 2025 |
परिषद के अनुसार, सीट आवंटन होने के बाद अभ्यर्थियों को अपनी सीट को ऑनलाइन मोड में “फ्रीज़” करना होगा। इसका अर्थ है कि अभ्यर्थी द्वारा चयनित और आवंटित सीट को वह स्वीकृत कर रहा है। सीट फ्रीज करने के बाद अभ्यर्थी को निर्धारित काउंसलिंग शुल्क और सुरक्षा धनराशि ऑनलाइन माध्यम से ही जमा करनी होगी। यह प्रक्रिया 8 से 10 नवम्बर तक पूरी करनी होगी।यदि कोई अभ्यर्थी अपनी सीट से असंतुष्ट है या किसी कारणवश प्रवेश नहीं लेना चाहता, तो वह 10 नवम्बर तक सीट वापसी की प्रक्रिया पूर्ण कर सकता है। उसके बाद यह सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी।
परिषद ने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए काउंसलिंग सहायता हेतु विशेष दूरभाष नंबर भी जारी किए हैं। अभ्यर्थी किसी भी तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी जानकारी के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं .0522-2630106, 2630695, 2630667, 2636589 . इन सभी नंबरों पर कार्यदिवसों में कार्यालयीन समय के दौरान सहायता उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही वेबसाइट पर विस्तृत दिशा-निर्देश, वीडियो ट्यूटोरियल और FAQ अनुभाग भी दिया गया है, जिससे अभ्यर्थी पूरी प्रक्रिया को समझ सकें।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश ने स्पष्ट किया है कि पांचवें चरण की यह विशेष काउंसलिंग उन अभ्यर्थियों के लिए एक अतिरिक्त अवसर है, जो पिछले चरणों में किसी कारणवश भाग नहीं ले सके थे या जिन्हें अब तक सीट नहीं मिली। इस चरण में राज्य quota और ओपन quota दोनों के अंतर्गत सीटें उपलब्ध रहेंगी।
परिषद का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश का समान अवसर प्राप्त हो। खासतौर पर डी.फार्मा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में युवाओं की रुचि लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह कोर्स न केवल फार्मेसी क्षेत्र में करियर की शुरुआत का आधार प्रदान करता है, बल्कि फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में भी रोजगार के व्यापक अवसर खोलता है।
परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह ने कहा कि अभ्यर्थियों को यह विशेष अवसर हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि डी.फार्मा काउंसलिंग का यह पाँचवाँ चरण उन सभी अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने अब तक किसी कारणवश प्रवेश नहीं लिया। सभी पात्र विद्यार्थी समय-सीमा के भीतर सभी चरण पूर्ण करें और वेबसाइट पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पारदर्शिता और सुगमता को ध्यान में रखते हुए परिषद निरंतर प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है ताकि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
वर्तमान समय में स्वास्थ्य सेवाओं और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विस्तार के कारण डी.फार्मा कोर्स की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को दवाओं के निर्माण, वितरण और रोगी सुरक्षा से संबंधित व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में फार्मासिस्ट, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, ड्रग इंस्पेक्टर, और अस्पताल फार्मासिस्ट जैसी नौकरियों में डी.फार्मा धारकों की मांग बनी हुई है।राज्य सरकार ने भी फार्मेसी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत सुधार किए हैं। ऐसे में यह काउंसलिंग चरण विद्यार्थियों के लिए करियर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
Updated on:
04 Nov 2025 08:00 am
Published on:
04 Nov 2025 07:48 am
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