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Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : यूपी में इन विधायकों का टिकट कटना तय, 35 फीसदी युवाओं पर दांव लगाने की तैयारी

UP Assembly Election 2022 Updates: नई रणनीति के मुताबिक, बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव में सिर्फ उन्हीं कैंडिडेट्स को टिकट देगी जो पार्टी की कसौटियों पर खरे उतरेंगे

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Jul 26, 2021

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. UP Assembly Election 2022 Updates- भारतीय जनता पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में 300 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए दिल्ली से लेकर लखनऊ तक संघ और संगठन की बैठकें हो रही हैं। नई रणनीति के मुताबिक, बीजेपी (BJP) इस बार विधानसभा चुनाव में सिर्फ उन्हीं को टिकट देगी जो पार्टी की कसौटियों पर खरे उतरेंगे। चर्चा है कि बीजेपी इस बार अपने एक तिहाई विधायकों के टिकट काट सकती है, उनकी जगह 30-35 फीसदी युवाओं को मौका दिया जाएगा। कई मंत्रियों के भी टिकट काटे जाने की अटकलें हैं।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अगस्त में अपने विधायकों (BJP MLA) का सर्वे कराएगी। क्षेत्र में उनके काम और लोकप्रियता के आधार पर ही उनका टिकट फाइनल किया जाएगा। इसके अलावा बीजेपी (BJP) के उन विधायकों के भी टिकट कटने की बात कही जा रही है जो बुजुर्ग हैं और नॉन परफॉर्मिंग हैं। उनकी जगह उन युवाओं को टिकट दिया जाएगा जो कोरोना काल में भी जनता के बीच सक्रिय रहे। इसी आधार पर नये चेहरों को मौका दिया जाएगा। यह सर्वे अगस्त महीने तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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सीएम योगी सहित बीजेपी के दिग्गज लड़ेंगे चुनाव
यूपी चुनाव (UP Assembly Election 2022) में इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा कई उन मंत्रियों को भी चुनाव लड़ाने की चर्चा है जो वर्तमान में विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) हैं। बीजेपी आलाकमान का मानना है कि बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने से पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा, साथ ही विधानसभा में उनके चुनकर आने से एमएलसी की सीटें खाली होंगी। इन खाली सीटों पर उन कार्यकर्ताओं को एमएलसी बनाकर भेजा जा सकता है, पार्टी जिनका फायदा संगठन के कामों में लेती है। इसके अलावा इन नेताओं के जीतने के संभावना भी कहीं ज्यादा है।

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टिकट वितरण में ब्राह्मण, ओबीसी फिर दलितों को तरजीह देगी बसपा
बहुजन समाज पार्टी इस बार टिकट वितरण में ब्राह्मणों को तरजीह देगी। फोकस ओबीसी और दलितों पर भी रहेगा। चर्चा है कि बसपा 100 ब्राह्मणों को टिकट देगी। 2017 में सोशल इंजीनियरिंग के सहारे सत्ता का स्वाद चख चुकीं मायावती ने हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में भी सामान्य सीट वाली हर विधानसभा में एक-एक ब्राह्मण जिला पंचायत सदस्य को टिकट दिया था। इनमें से प्रत्याशियों की जीत का औसत 40 फीसदी से अधिक था। इसे देखते हुए वह फिर से ब्राह्मणों पर दांव लगाने का मन बना चुकी हैं। पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की अगुआई में बसपा पूरे प्रदेश में ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन शुरू का आगाज कर चुकी है। सतीश मिश्रा का मानना है कि 13 फीसदी ब्राह्मण और 23 फीसदी दलित मिलकर यूपी में सरकार बनाने में सक्षम हैं।

मंगल पांडेय की धरती से सपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का आगाज
समाजवादी पार्टी 15 अगस्त से मंगल पाण्डेय की धरती माने जाने वाले बलिया जनपद से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत करेगी। यूपी में जातीय सम्मेलन पर रोक के कारण समाजवादी पार्टी ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का नाम दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसकी कमान पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेताओं में शुमार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, पूर्व मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय व अभिषेक मिश्रा, पूर्व विधायक संतोष कुमार पाण्डेय और बलिया से पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी सनातन पाण्डेय को सौंपी गई है। वहीं, सपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) भी पश्चिमी यूपी में 27 जुलाई से भाईचारा सम्मेलन शुरू करने जा रही है।

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