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Lok Sabha Election Voter Awareness: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची होगी सटीक – ERO प्रशिक्षण अभियान शुरू

Election Commission: उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के लिए विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को तीन चरणों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सूची में दर्ज हो सके।

लखनऊ

Ritesh Singh

Jun 17, 2025

फोटो सोर्स : Patrika
फोटो सोर्स : Patrika

Voter Awareness Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची होगी सटीक – ERO प्रशिक्षण अभियान शुरू: भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप योग्यता व सटीकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष संक्षिप्त मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की तैयारी तेज़ हो गई है। इसी क्रम में आज, कल व 25 जून को लखनऊ के उप्र. प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी (UPAM), अलीगंज में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ERO) का तीन-चरणीय एक-दिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जा रहा है।

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तीन चरणों में विभक्त ये प्रशिक्षण सत्र

  • पहला चरण: 17 जून, 2025 – जिसमें 124 ERO ने भाग लिया
  • दूसरा चरण: 19 जून, 2025
  • तीसरा व अंतिम चरण: 25 जून, 2025
  • प्रत्येक सत्र में अधिकारियों को चुनावी प्रक्रिया, मतदाता सूची में त्रुटियों की पहचान व सुधार और ERO/BLO ऐप उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा का संदेश

मोदी सरकार के समर्पित निर्णयों के परिणामस्वरूप आयोजित इस अभियान का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), उत्तर प्रदेश नवदीप रिणवा ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उन्होंने ERO को संबोधित करते हुए कहा कि “इस पुनरीक्षण अभियान का लक्ष्य है मतदाता सूची में हर एक पात्र नागरिक का नाम सुनिश्चित करना। इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि बर्दाश्त नहीं की जाएगी; हमारा मकसद है एक शुद्ध, पारदर्शी और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करना।”

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CEO रिणवा ने मतदाता सूची संबंधी विधिक पहलुओं, ERO/BLO के कर्तव्य और उत्तरदायित्व, और लिंग अनुपात (Gender Ratio) पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में महिलाओं का अनुपात कम है, वहां विशेष रूप से ERO एवं BLO द्वारा उन पात्र महिलाओं की पहचान कर सूची में सम्मिलित किया जाए।

प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया गया

  • प्रथम चरण के 124 ERO को प्रशिक्षण में इन प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करवाया गया:
  • Net & BLO ऐप उपयोग – डिजिटल माध्यम से अपडेशन और डेटा सही ढंग से दर्ज करना।
  • दावे और आपत्तियां – नए पंजीकरण, नाम हटवाना या संशोधन, अधूरे विवरण, आदि पर त्वरित निस्तारण प्रक्रिया।
  • लिंग अनुपात सुधार – विशेष रूप से उन बूथों की पहचान जहां पुरुष-महिला अनुपात गड़बड़ा रहा हो।
  • कानूनी प्रक्रिया – मतदाता सूची से जुड़ी वैधानिक शर्तें, नया पंजीकरण और अंतिम प्रकाशन दिन के निर्देशों का अनुपालन।
  • प्रशासनिक ट्रेनिंग और मूल्यांकन – प्रश्नावली आधारित लिखित परीक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण का मूल्यांकन।
  • परीक्षा में उत्तीर्ण ERO को अगले चरणों के प्रशिक्षण हेतु प्रमाणित किया गया।

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कार्यप्रणाली: समूह प्रणाली के माध्यम से सुधार

  • CEO रिणवा ने ERO को निर्देश दिया कि वह स्थानीय स्तर पर BLOs एवं पर्यवेक्षकों को छोटे-छोटे समूहों में इस प्रशिक्षण का विस्तार दें। इससे न सिर्फ छिटपुट रूप से सुधार संभव होगा, बल्कि:
  • समुदाय स्तर पर लिंग अनुपात सुधार की व्यवस्था बनी रहेगी।
  • 18–19 वर्ष वर्ग के नए मतदाताओं को पहचानने व सूची में डालने का काम समय पर हो सकेगा।
  • टेक्नोलॉजी आधारित फीडबैक (Net ऐप/BLO ऐप) की जानकारी सब तक पहुंच सकेगी।

राष्ट्रीय चुनाव आयोग से जुड़ी पहल

  • मई-जून 2025 में IIDS, नई दिल्ली में पांच चरणों में ERO और BLO सुपरवाइजर को भी प्रशिक्षण दिया गया।
  • राज्य स्तर पर CEO कार्यालय द्वारा 12 जून को यूपी के सभी सहायक ERO और आयोग प्रशिक्षित BLOs को शासी प्रशिक्षण दिया गया।
  • अब Lakhimpur खंड, Prayagraj, Varanasi सहित अन्य जनपदों में भी यह पुनरीक्षण अभियान जोर पकड़ रहा है।
  • इस राष्ट्रीय-राज्य स्तरीय प्रशिक्षण रोडमैप के अंतर्गत सभी निर्वाचन क्षेत्रों में ट्रेन-द-ट्रेनर मॉडल अपनाया गया है, ताकि स्थानिक प्रभारी अधिकारी स्थानीय ज़मीनी स्तर पर भी सुदृढ़ रूप से कार्य कर सकें।

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मतदाता सूची में सुधार से जुड़ी प्राथमिक रणनीतियाँ

  • Elections में प्रत्येक पात्र भारतीय नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए CEO/ERO कार्यालय द्वारा निम्नलिखित उपाय अपनाए जा रहे हैं:
  • डेटा उपलब्धता सुधार – एनआरआइ, युवा वोटर, लिंग अनुपात, मोबाइल नंबर व आयु प्रमाण अपडेट्स।
  • डिजिटलीकरण – Net ऐप और BLO ऐप द्वारा ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से डेटा संग्रह और निगरानी।
  • समुदाय आधारित पहचान – ग्राम पंचायत, महिला समूह, विद्यार्थी संगठनों के माध्यम से विशेष बूथों का आंकलन।
  • ऑन-द-ग्राउंड वेरिफिकेशन – ERO/BLO द्वारा गृह भ्रमण, घर-घर जाकर सत्यापन।
  • तत्काल दावे-आपत्तियां – नया नाम जोड़ने के साथ आवेदन-आधुनिकीकरण की त्वरित प्रक्रिया।
  • दस्तावेज़ सत्यापन – आवेदक के निवास प्रमाण, पहचान पत्र, उम्र/लिंग दस्तावेज़ की जांच एवं सत्यापन।
  • परिणाम प्रकाशन – स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक सूचना (No Objection ईस्टीकर), अंतिम सूची आवंटन, RTC हेतु NODAL प्राधिकरण सूची उपलब्ध।

आगे का रोडमैप और महत्व

  • 25 जून के तीसरे चरण के बाद प्रदेश भर में अतिरिक्त प्रशिक्षण के अवसर सुनिश्चित होंगे।
  • Post-training मूल्यांकन ERO / BLO द्वारा जिले स्तर पर किया जाएगा।
  • जांच टीम द्वारा मतदान से पूर्व पुनरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर CEO कार्यालय को भेजी जाएगी।
  • आगामी चुनावों में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान की सफलता को चुनावी सार्वजनिकता और ग्रामीण/शहरी वोटर हिस्सेदारी में वृद्धि का एक प्रमुख संकेत माना जाएगा।

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CEO के सुझाव

सरकार-समाज साझा जिम्मेदारीCEO नवदीप रिणवा ने बताया कि “एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए, यह जिम्मेदारी बनती है कि प्रत्येक नागरिक का मतदाता सूची में नाम हो। हमारी कोशिश है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में कोई भी नागरिक पीछे न छूटे। इसे निभाने में EROs, BLO, पंचायत, उद्योगिक क्षेत्र, युवा संगठन एवं समाज दोनों का सक्रिय योगदान आवश्यक है।”उनका कहना था कि डिजिटल जन सक्रियता (मतदाता पहचाने – voter recognition campaigns) बाधारहित रूप से चलेगा, जिससे आरक्षित, अनुसूचित, पिछड़ा वर्ग, युवा व प्रवासी नागरिकों को मतदान के अवसर से वंचित ना किया जाए।