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UP Bakri Palan Yojana:यूपी में बकरी पालन पर 50% सब्सिडी, स्वरोजगार के लिए उठाएं योजना का लाभ

UP Goat Farming Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार की बकरी पालन योजना के अंतर्गत पशुपालकों को व्यवसाय शुरू करने के लिए 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत चलाई जा रही है, जिससे बेरोजगार युवाओं, किसानों और महिला समूहों को स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिल रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 08, 2025

बकरी पालन से आत्मनिर्भरता की ओर कदम फोटो सोर्स : Social Media

बकरी पालन से आत्मनिर्भरता की ओर कदम फोटो सोर्स : Social Media

UP Bakri Palan Yojana 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के ग्रामीण व शहरी बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार द्वारा बकरी पालन योजना (UP Bakri Palan Yojana 2025) के तहत पशुपालकों को बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने पर कुल लागत का 50% तक अनुदान (सब्सिडी) प्रदान किया जा रहा है। यह योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission - NLM) के अंतर्गत पशुपालन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।

क्या है बकरी पालन योजना

उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना 2023 में शुरू की गई थी और इसे अब 2025 में और अधिक प्रभावी व व्यापक रूप में लागू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के इच्छुक पशुपालकों को बकरी पालन की यूनिट स्थापित करने हेतु बैंक से 20 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिस पर कुल लागत का 50% तक अनुदान भी दिया जाएगा। यह योजना ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध है। योजना का मूल उद्देश्य प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देना, ग्रामीण आजीविका को सशक्त करना, किसानों की आमदनी दोगुनी करना, और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। सरकार का मानना है कि बकरी पालन एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसमें कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। खासकर छोटे और सीमांत किसान, महिलाएं और स्वयं सहायता समूह इसके माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं

  • योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत लागू की गई है।
  • 100 से 500 बकरियों की 5 श्रेणियों की यूनिट लगाने पर अनुदान उपलब्ध।
  • 50% तक सब्सिडी सरकार द्वारा दी जा रही है।
  • लाभार्थी को 20 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का लोन दिया जाएगा।
  • कम मासिक किस्तों में लोन चुकाने की सुविधा।
  • एकल किसान, महिला समूह, कृषक समूह, व कंपनी अधिनियम की धारा 8 के तहत पंजीकृत संस्थाएं आवेदन कर सकती हैं।
  • बकरी पालन के लिए DPR (Detailed Project Report) आवश्यक।
  • पहले पशुपालन प्रशिक्षण लेना अनिवार्य।

पात्रता (Eligibility Criteria)

  • योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता आवश्यक है:
  • आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो।
  • आवेदक को पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए।
  • बकरी पालन हेतु पर्याप्त जमीन और अन्य इंतजाम होने चाहिए।
  • यदि समूह आवेदन कर रहा है, तो स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, या कंपनी अधिनियम की धारा 8 के तहत पंजीकृत संस्था हो।
  • लोन लेने के लिए आवेदक का बैंक खाता सक्रिय होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
  • जमीन के कागजात (खसरा-खतौनी)
  • अगर जमीन लीज पर है, तो लीज एग्रीमेंट की कॉपी
  • विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR)
  • यदि बैंक से लोन लिया गया है, तो बैंक की सहमति पत्र

योजना की श्रेणियां

  • सरकार ने बकरी पालन के लिए 5 श्रेणियां निर्धारित की हैं, जैसे:
  • 100 बकरियों की यूनिट पर 5 बीजू बकरे
  • 200 बकरियों की यूनिट पर 10 बीजू बकरे

इन सभी पर लागत का 50% अनुदान मिलेगा। यदि परियोजना की लागत 50 लाख है, तो आपको 25 लाख का सब्सिडी लाभ मिल सकता है। परियोजना की सफलता के लिए चयनित लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आवेदन कैसे करें

  • ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
  • आधिकारिक पोर्टल पर जाएं: https://nlm.udyamimitra.in
  • वेबसाइट पर अपना पंजीकरण करें।
  • Login करने के बाद "Goat Farming Scheme" चुनें।
  • फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी भरें।
  • डॉक्यूमेंट अपलोड करें और सबमिट करें।
  • आपकी DPR की जांच के बाद बैंक और विभाग से स्वीकृति प्राप्त होगी।

ऑफ लाइन आवेदन प्रक्रिया

  • अपने जिला पशुपालन विभाग में संपर्क करें।
  • वहां से योजना का फॉर्म प्राप्त करें और भरें।
  • दस्तावेज संलग्न करें और सबमिट करें।
  • निरीक्षण व मूल्यांकन के बाद विभाग द्वारा आवेदन स्वीकार किया जाएगा।

योजना से क्या होगा लाभ

  • पशुपालकों को आर्थिक सहायता।
  • बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार।
  • किसान समूहों को व्यवसायिक मॉडल।
  • पशुपालन क्षेत्र में रोजगार सृजन।
  • ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार।
  • महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर।