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प्राइवेट कॉलेज की मनमानी खत्म: अब हर कोर्स के हिसाब से होगी फीस, UP सरकार की लिस्ट जारी

उत्तर प्रदेश प्रवेश और फीस नियम समिति, प्राविधिक शिक्षा विभाग की तरफ से 23 जून 2022 को आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया कि यह शुल्क शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए मान्‍य होंगे।  

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लखनऊ

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Jyoti Singh

Jun 29, 2022

प्राइवेट कॉलेज की मनमानी खत्म: अब हर कोर्स के हिसाब से होगी फीस, UP सरकार की लिस्ट जारी

उत्तर प्रदेश में प्राइवेट कॉलेज से प्रोफेशनल कोर्स करने वाले छात्रों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी राहत दी है। जिसके तहत अब प्राइवेट कॉलेज मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। योगी सरकार ने बीटेक-एमटेक-एमबीए-एनसीए-बी.फार्मा-एम.फार्मा-डिप्‍लोमा सहित कई अन्य कोर्सों के लिए फीस निर्धारित करने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं राज्‍य सरकार द्वारा गठित प्रवेश और फीस नियमन समिति ने प्रस्‍तावित फीस की लिस्ट को जारी करते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को इस पर आपत्ति जताने के लिए 30 दिन का निर्धारित समय दिया है। यानी यदि किसी संस्थान को आपत्ति है तो वह 30 दिन के भीतर अपनी आपत्ति दे सकता है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो सरकार मान लेगी कि उन्हें इस फीस स्ट्रक्चर पर कोई आपत्ति नहीं है।

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इतना किया गया फीस स्ट्रक्चर

बता दें कि उत्तर प्रदेश प्रवेश और फीस नियम समिति, प्राविधिक शिक्षा विभाग की तरफ से 23 जून 2022 को आदेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि यह शुल्क एक वर्ष (शैक्षणिक सत्र 2022-23) के लिए मान्‍य होंगे। इसके तहत समिति प्रस्ताव में बीटेक की एक साल की फीस 55 हजार रुपए, बी फार्मा की 63,300 रुपए, बीआर्की की 57,730 रुपए, बीएफए की 85,250 रुपए, बीएफएडी की 85,250 रुपए,बीएचएमसीटी की 70,000 रुपए, एमबीए की 59,700 रुपए, एमसीए की 55,000 रुपए, एमफार्मा की 68,750 रुपए, एमआर्की की 57,500 रुपए, एमटेक की 57,500 रुपए, सभी बी.बोकेशनल कोर्सों की 26,900 रुपए, एमबीए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की 25,750 रुपए रखी गई है।

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सस्थानों को जारी हुए ये निर्देश

उधर फीस नियम समिति, प्राविधिक शिक्षा विभाग की तरफ से सभी डिग्री-डिप्‍लोमा स्‍तरीय प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मानक शुल्क से सहमत है, या फिर असहमत। इसके लिए अपना विकल्प आनलाइन माध्‍यम से जरूर बता दें। इसके अलावा जिन संस्थानों की तरफ से 30 दिन के अंदर यदि कोई आपत्ति नहीं जताई जाती है, तो मान लिया जाएगा कि उस संस्थान को फीस स्ट्रक्चर से कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद उसे लागू कर दिया जाएगा।