
UP government on free ration card holders will no longer get wheat
उत्तर प्रदेश में इस बार कम गेहूं की खरीद का असर दिखने लगा। कोविड काल में यूपी सरकार द्वारा शुरू किए मुफ्त राशन में भी संकट के बादल दिखने लगे। कुछ जिलों में तो पंजाब और हरियाणा से गेहूं की खेप आ रही है। लेकिन कुछ जिलों ने अब राशन में गेहूं न देने की घोषणा कर दी है। प्रतापगढ़ के क्रय केंद्रों पर इस बार गेहूं की खरीद केवल आठ प्रतिशत हुई है। इस कारण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अब कोटे पर चार महीने तक गेहूं का वितरण नहीं होगा। केवल चावल ही बांटा जा रहा है। इससे गरीब वर्ग के परिवारों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। प्रयागराज, बांदा, हमीरपुर में भी संकट गहरा रहा है।
रोटी के लिए बढ़ गई मुश्किलें
अब गरीबों को रोटी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें नियमित रूप से रोटी खाने के बारे में सोचना पड़ रहा है। कोरोना काल से कार्डधारकों को दो चक्र में राशन बांटा जा रहा है। पहले चक्र में प्रदेश सरकार की ओर से और दूसरे चक्र में केंद्र सरकार की ओर से राशन वितरण किया गया। दोनों ही चक्र में अभी तक कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल मिलता था, लेकिन अब दूसरे चक्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में गेहूं का वितरण पूरी तरह बंद कर दिया गया है। हालांकि कुल राशन की मात्रा में कमी नहीं की गई है। प्रति यूनिट पांच किलो चावल दिया जा रहा है।
सितंबर तक नहीं मिलेगा गेहूं
डिप्टी आरएमओ अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सितंबर माह तक गेहूं की जगह चावल का ही वितरण होगा। अभी तक कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल मिलता था, लेकिन अब दूसरे चक्र में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में गेहूं का वितरण पूरी तरह बंद कर दिया गया है। हालांकि कुल राशन की मात्रा में कमी नहीं की गई है। प्रति यूनिट पांच किलो चावल दिया जा रहा है। सितंबर महीने तक यही सुविधा रहेगी।
Updated on:
13 Jul 2022 01:35 pm
Published on:
13 Jul 2022 01:34 pm
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