अब रुकेगा भ्रष्टाचार का खेल, यूपी सरकर ने लिए दो बड़े फैसले, आमजन को यूं मिलेगी राहत
इससे आम जनता को अब सरकारी विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वहीं घूसखोरों, बिचौलियों व दलालों की छुट्टी हो जाएगी।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. यूपी सरकार ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) व कृषि भूमि परिवर्तन में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए दो बड़े बदलाव किए हैं। जहां हाईटेक सॉफ्टवेयर 'प्रहरी' पीडब्ल्यूडी में टेंडर प्रक्रिया की निगरानी करेगा, तो वहीं कृषि को गैर कृषि भूमि में परिवर्तित करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। ऐसा कर सरकार आवंटन व भूमि परिवर्तन की प्रक्रिया में लेट लतीफी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं को समाप्त करेगी, वहीं लेखपालों की भूमिका भी सीमित होगी। राजस्व विभाग ने कृषि को गैर-कृषि भूमि में परिवर्तित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिया है। टेंडर प्रक्रिया में यदि किसी तरह की शिकायत आई तो इसकी जांच लोक निर्माण विभाग मुख्यालय के अधिकारियों की टीम करेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही योगी सरकार का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे आम जनता व किसानों को अब सरकारी विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वहीं घूसखोरों, बिचौलियों व दलालों की छुट्टी हो जाएगी।
ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव से पहले यहां 4-5 हजार रुपए में बेचे जा रहे थे तमंचे, पुलिस ने ठिकाने पर दी दबिश
आधिकारिक हस्तक्षेप खत्म-
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि 'प्रहरी' सॉफ्टवेयर ने पीडब्ल्यूडी में बिचौलियों की भूमिका को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। विभाग में टेंडर से संबंधित शिकायतों की संख्या शून्य हो गई है, जो राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की जांच के लिए किए उठाए गए कदमों को सार्थक बताता है। 15 सितंबर से उपयोग में आया यह सॉफ्टवेयर टेंडर प्रक्रिया, बैंकों और यहां तक कि मशीनों से संबंधित दस्तावेजों का आंकलन करता है। आवेदक अपने दस्तावेजों को स्वयं अपलोड करते हैं जिसमें कोई भी आधिकारिक हस्तक्षेप नहीं होता।
ये भी पढ़ें- बढ़ने लगे कोरोना वायरस के मरीज, अब टोल पर भी शुरू हुई यात्रियों की जांच
45 दिनों के भीतर आवेदन को देनी होगी मंजूरी-
इसी तरह, राज्य सरकार कृषि भूमि के परिवर्तन करने की प्रक्रिया में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करने में भी सफल रही है। अब किसानों को बिचौलियों या अधिकारियों की मदद की आवश्यकता नहीं होगी और वे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जिन अधिकारियों पर भूमि के उपयोग को बदलने की जिम्मेदारी होगी, वे सरकारी निगरानी में होंगे। उन्हें 45 दिनों के भीतर आवेदन को मंजूरी देनी होगी। एक आवेदन को एक निर्धारित समयसीमा के भीतर अप्रूव नहीं किया तो उस आवेदन को खुद ही अप्रूव मान लिया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि इस कदम से न केवल सरकार को भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए किसानों से आसानी से जमीन खरीदने में भी मदद मिलेगी। वहीं औद्योगीकरण में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। नई प्रक्रिया से निजी प्रोजेक्ट में काफी तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।
अब पाइए अपने शहर ( Lucknow News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज