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2027 तक इलेक्ट्रिक वाहनों पर रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स पूरी तरह माफ: यूपी सरकार का बड़ा फैसला

UP Transport: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 तक खरीदे जाने वाले सभी शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में सौ प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से ई-व्हीकल बाजार को नई गति मिलने की उम्मीद है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 07, 2025

भविष्य में परिवहन व्यवस्था की रीढ़ बनेंगे ई-व्हीकल : परिवहन राज्यमंत्री (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

भविष्य में परिवहन व्यवस्था की रीढ़ बनेंगे ई-व्हीकल : परिवहन राज्यमंत्री (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

UP EV Policy: उत्तर प्रदेश में परिवहन क्षेत्र को स्वच्छ, आधुनिक और पर्यावरण–अनुकूल बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी लाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण शुल्क तथा रोड टैक्स पर वर्ष अक्टूबर 2027 तक सौ प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। यह जानकारी प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने दी।

परिवहन मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित करने और प्रदेश को ई–वीहिकल विनिर्माण का बड़ा केंद्र बनाने की दृष्टि से सरकार ने वर्ष 2022 में ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति–2022’ लागू की थी। इस नीति को 14 अक्टूबर 2022 को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया था। नीति का उद्देश्य न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाना है, बल्कि प्रदेश में स्वच्छ व हरित ऊर्जा आधारित परिवहन व्यवस्था को स्थापित करना भी है।

दयाशंकर सिंह के अनुसार, प्रदेश में तेजी से बढ़ते वाहन–घनत्व और प्रदूषण स्तर को देखते हुए आवश्यक था कि पारंपरिक वाहनों से हटकर इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। इसी के चलते उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिक समिति की बैठक में नीति–2022 में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए। इन संशोधनों के अंतर्गत नीति के चौथे और पांचवें वर्ष में विशेष रूप से शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों पर राज्य सरकार ने अतिरिक्त छूट और सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।

मंत्री ने बताया कि 5 नवंबर 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, संशोधित प्रावधानों के तहत 14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 के बीच उत्तर प्रदेश में खरीदे और पंजीकृत किए जाने वाले सभी शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स पर सौ प्रतिशत छूट दी जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से न केवल आम जनता इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तेजी से आकर्षित होगी, बल्कि उद्योग जगत को भी ई-व्हीकल विनिर्माण में निवेश का बेहतर वातावरण मिलेगा।

मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन ही परिवहन व्यवस्था की मुख्य रीढ़ सिद्ध होंगे। आज दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण–संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर तेजी से काम हो रहा है। उत्तर प्रदेश इस दिशा में अपनी भूमिका को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों की तुलना में काफी बढ़ जाए।

उन्होंने कहा कि यह नीति सिर्फ वाहनों की खरीद तक सीमित नहीं है, बल्कि चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैपिंग, अनुसंधान एवं विकास, विनिर्माण के लिए भूमि आवंटन, तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने जैसे अनेक क्षेत्रों को भी कवर करती है। इसके तहत राज्य सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह की रियायतें और समर्थन उपलब्ध करा रही है। इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण यहां की परिवहन व्यवस्था का विस्तार भी विशाल है। ऐसे में यदि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग तेज़ी से बढ़ता है, तो इससे कार्बन उत्सर्जन में बड़ी कमी आएगी और शहरों का वायु गुणवत्ता स्तर भी बेहतर होगा। इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया वाहन न केवल पर्यावरण–हितैषी हैं, बल्कि रख–रखाव की दृष्टि से भी अधिक किफायती साबित होते हैं।

सरकार की ओर से मिली यह कर–छूट इलेक्ट्रिक वाहन खरीददारों के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क वाहन की ऑन–रोड कीमत को काफी प्रभावित करते हैं। इन दोनों में सौ प्रतिशत छूट मिलना वाहन की लागत को काफी कम कर देता है और मध्यम वर्ग के लिए ई–व्हीकल खरीदना आसान हो जाता है।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आगे बताया कि सरकार का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरूकता बढ़ाना भी है। इसी कड़ी में विभाग समय–समय पर जागरूकता कार्यक्रम, प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का भी आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा देगी।

परिवहन विभाग का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अनुकूल माहौल बन जाने के बाद उद्योग जगत, निवेशकों और स्टार्टअप्स को प्रदेश में अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। इससे आगामी वर्षों में उत्तर प्रदेश देश में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और उपयोग दोनों में अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है।

सरकार को उम्मीद है कि नई नीति के अनुरूप दी जा रही छूटों का लाभ उठाकर अधिक से अधिक उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करेंगे। इससे न केवल प्रदेश में प्रदूषण का स्तर कम होगा, बल्कि आधुनिक और सतत परिवहन प्रणाली का निर्माण भी होगा।