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खुशखबर, अब यूपी की ग्राम पंचायतों में बनेंगे बारातघर और अंत्येष्टि स्थल

keshav prasad maurya gift यूपी सरकार ने ग्रामीणों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब गांवों में शादी और अंत्येष्टि के लिए दर-दर नहीं भटकना होगा। योगी सरकार यूपी की हर ग्राम पंचायत में एक बारातघर और एक अंत्येष्टि स्थल बनवाएगी।

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खुशखबर, अब यूपी की ग्राम पंचायत में बनेंगे बारातघर और अंत्येष्टि स्थल

खुशखबर, अब यूपी की ग्राम पंचायत में बनेंगे बारातघर और अंत्येष्टि स्थल

यूपी सरकार ने ग्रामीणों को एक बड़ा तोहफा दिया है। अब गांवों में शादी और अंत्येष्टि के लिए दर-दर नहीं भटकना होगा। योगी सरकार यूपी की हर ग्राम पंचायत में एक बारातघर और एक अंत्येष्टि स्थल बनवाएगी। उत्तर प्रदश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहाकि, राज्य की सभी 58189 ग्राम पंचायतों में बारात घर और अंत्येष्टि स्थल बनाए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजा गया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक बारात घर की लागत 30 लाख और अंत्येष्टि स्थल की लागत 24 लाख 36 हजार है। इस तरह 58189 ग्राम पंचायतों में बारात घर बनाने में 17456.70 करोड़ रुपए और अंत्येष्टि स्थल बनाए जाने में 14174.84 करोड़ रुपए खर्च आएगा।

मार्ग बनाने की भी व्यवस्था होगी

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि बारातघर और अंत्येष्टि स्थल तक सुगमता से पहुंचने के लिए मार्ग बनाए जाने की भी व्यवस्था की जाएगी और वहां पर सामुदायिक शौचालय बनवाने जाने और प्रकाश की भी व्यवस्था जैसी अवस्थापना सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जिलों और विभिन्न क्षेत्रों के उनके भ्रमण के दौरान आम जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा इसकी मांग होती रही है।

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खुले स्थानों की अपेक्षाकृत कमी

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, जनता की परेशानियों के दृष्टिगत यह प्रस्ताव तैयार किया गया है और वर्तमान समय की ग्रामीण जनता की वास्तविक आवश्यकता भी है, क्योंकि पहले जिन घरों के सामने काफी जगह पड़ी रहती थी, वहां बारात के ठहरने व ग्रामीण संस्कृति से जुड़े विभिन्न परंपरागत कार्यक्रम आसानी से होते रहते थे, बढ़ती आबादी के चलते वहां पर आवासीय स्थल बन गए, परिणामस्वरूप गांवों में अब खुले स्थानों की अपेक्षाकृत कमी हुई है और आम लोगों विभिन्न आयोजनों के लिए कवर्ड एरिया भी बहुत ही कम है।

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गांव में बारातघर का निर्माण अनिवार्य

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, प्राइमरी स्कूलों में भी बारातों आदि के ठहराने पर रोक भी लाजिमी है, क्योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गांवों में बारातघरों का निर्माण किया जाना आज की अनिवार्य आवश्यकता है।