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UP Assembly 2025: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सम्पन्न, सभी विधायी कार्य हुए पूर्ण, कई अहम विधेयक पारित

Monsoon Session UP: उत्तर प्रदेश विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय (मानसून) सत्र 11 से 14 अगस्त तक चला और सभी विधायी कार्य समय पर पूरे किए गए। केवल 43 मिनट के स्थगन के साथ 32 घंटे 28 मिनट तक चली कार्यवाही में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए और सदन का वातावरण अनुशासित व शांतिपूर्ण रहा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Aug 15, 2025

सिर्फ़ 43 मिनट का स्थगन, यूपी विधानसभा का मानसून सत्र ऐतिहासिक रूप से अनुशासित फोटो सोर्स :Patrika

सिर्फ़ 43 मिनट का स्थगन, यूपी विधानसभा का मानसून सत्र ऐतिहासिक रूप से अनुशासित फोटो सोर्स :Patrika

UP Monsoon Assembly Session: उत्तर प्रदेश की अठारहवीं विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय (मानसून) सत्र 11 अगस्त से प्रारम्भ होकर 14 अगस्त 2025 को सम्पन्न हुआ। 13 और 14 अगस्त को अनवरत उपवेशन के उपरांत सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। चार दिन तक चले इस सत्र में कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित हुई और सभी निर्धारित विधायी कार्य पूरे किए गए।

कार्यवाही का समय और अनुशासन

मानसून सत्र के दौरान विधानसभा की कुल कार्यवाही 32 घंटे 28 मिनट तक चली। इसमें केवल 00 घंटे 43 मिनट का स्थगन समय रहा, जबकि 31 घंटे 45 मिनट कार्यवाही बिना किसी अवरोध के चली। यह दर्शाता है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच अपेक्षाकृत सौहार्दपूर्ण माहौल में बहस और चर्चा हुई।

प्रश्नकाल की उपलब्धियां

  • सत्र के दौरान कुल 2,366 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 543 तारांकित प्रश्न और 1,498 अतारांकित प्रश्न शामिल थे।
  • उत्तरित प्रश्न: 1 अल्पसूचित तारांकित प्रश्न, 41 तारांकित प्रश्न और 363 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सदन में दिए गए।
  • ऑनलाइन प्रश्न: कुल 2,164 प्रश्न ऑनलाइन प्राप्त हुए, जो कुल प्रश्नों का 91.46% है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि विधानसभा के कार्य में डिजिटल प्रणाली को तेजी से अपनाया जा रहा है।

नियमों के अंतर्गत सूचनाएँ और प्रस्ताव

  • विधानसभा में विभिन्न नियमों के अंतर्गत बड़ी संख्या में सूचनाएँ और प्रस्ताव प्राप्त हुए एवं उन पर विचार किया गया।
  • नियम-51: कुल 193 सूचनाएँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 158 ध्यानाकर्षण के लिए स्वीकार हुईं और 35 अस्वीकृत हो गईं।
  • याचिकाए: याचिका समिति को कुल 437 याचिकाए मिलीं। इनमें से 380 ग्राह्य पाई गईं, 1 अग्राह्य रही और 56 व्यपगत घोषित की गईं।
  • नियम-56: कुल 30 सूचनाएँ प्राप्त हुईं, जिनमें 11 ग्राह्यता हेतु स्वीकार, 3 ध्यानाकर्षण हेतु स्वीकार और 16 अस्वीकृत हुईं।
  • नियम-301: 151 सूचनाओं में से 129 स्वीकार और 22 अस्वीकृत हुईं।
  • नियम-300: प्राप्त 9 सूचनाएँ सभी अस्वीकृत हो गईं।
  • नियम-103: इस नियम के अंतर्गत कुल 17 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 16 ग्राह्य और 1 अग्राह्य पाया गया।

महत्वपूर्ण विधेयक पारित

मानसून सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक सर्वसम्मति या बहुमत से पारित किए गए, जिनमें शामिल हैं –

  • उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश लोक अभिलेख विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2025
  • उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल सदस्य एवं मंत्री सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक, 2025

इन विधेयकों के पारित होने से शिक्षा, कराधान, धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन, राजकोषीय अनुशासन, लोक सेवा आयोग की प्रक्रिया में सुधार तथा विधायकों और मंत्रियों की सुविधाओं से जुड़े कई अहम मुद्दों पर प्रभावी बदलाव होंगे।

सदन में अनुशासित माहौल की सराहना

मानसून सत्र की सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि सदन की कार्यवाही काफी हद तक अनुशासित रही। विभिन्न दलों के सदस्यों ने महत्वपूर्ण विधेयकों और जनहित से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की। स्पीकर ने भी सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सक्रिय भूमिका निभाई। स्थगन का समय बेहद सीमित रहा, जो इस बात का प्रमाण है कि अधिकांश समय विधायक मुद्दों पर बहस करने में व्यस्त रहे, न कि हंगामे में।

डिजिटलीकरण की दिशा में बड़ा कदम

ऑनलाइन माध्यम से 91% से अधिक प्रश्न प्राप्त होना विधानसभा की कार्यप्रणाली में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण का संकेत देता है। यह बदलाव न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि समय की बचत और कार्यकुशलता में भी सहायक है। चार दिन तक चले मानसून सत्र में न केवल सभी विधायी कार्य पूरे हुए, बल्कि सरकार और विपक्ष ने मिलकर जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस की। महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने के साथ-साथ सदन की कार्यवाही में शांति और अनुशासन ने एक सकारात्मक संदेश दिया।आगामी सत्रों में भी इसी तरह की कार्यप्रणाली की अपेक्षा की जा रही है, जिससे विधानसभा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सके।