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आजम खान की रिहाई से BJP को होगा फायदा या नुकसान? यहां समझें सियासी गणित

UP Politics: आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है। जानिए, आजम खान की रिहाई से BJP को फायदा या नुकसान होगा?

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Sep 27, 2025

will azam khan release benefit or harm bjp know political equation

आजम खान की रिहाई से BJP को होगा फायदा या नुकसान? फोटो सोर्स-पत्रिका न्यूज

UP Politics: पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। सवाल उठ रहे हैं कि आजम खान की रिहाई से बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान?

मुस्लिम वोटरों के बिखराव को रोकने की कोशिश करेगी सपा

जेल से रिहा होने के बाद आजम खान ने उनके समाजवादी पार्टी को छोड़कर बसपा में जाने से साफ मना कर दिया था। सियासी गलियारों में चर्चा है कि ऐसे में समाजवादी पार्टी अब मुस्लिम वोटरों के बिखराव को रोकने की कोशिश करेगी। सियासी जानकार मानते हैं कि आजम खान की जेल से रिहाई के बाद बीजेपी को इससे फायदा हो सकता है।

आजम खान की रिहाई से बीजेपी को फायदा या नुकसान?

राजनीतिक जानकारों की माने तो आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद बीजेपी के पास अब हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण का मौका है। अपनी तीखी बयानबाजी और अलग अंदाज के लिए आजम खान जाने जाते हैं। ऐसे में BJP आजम खान के बयानों को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। साथ ही बीजेपी मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर समाजवादी पार्टी (सपा) को घेरने की कोशिश कर सकती है। जिसके चलते हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सकता है।

जेल से रिहा होने के बाद क्या बोले आजम खान

पूर्व मंत्री आजम खान ने जेल से रिहा होने के बाद कहा, ''अखिलेश यादव बड़े नेता हैं। वह बड़ी पार्टी का नेतृत्व करते हैं। उनका मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरे बारे में बात की।''

अखिलेश यादव करेंगे आजम खान से मुलाकात

गौरतलब है कि, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी राजनीतिक रणनीति के तहत पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान से मिलने के लिए 8 अक्टूबर को रामपुर जाएंगे। यह दौरा खासतौर पर मायावती की लखनऊ रैली से ठीक एक दिन पहले तय किया गया है। जानकार मान रहे हैं कि इस कदम के पीछे सपा की चुनावी रणनीति काम कर रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आजम खान और अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच सकती है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है।