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UP Potato Price: होली-रमजान में आलू के दाम उछले, ₹25/kg पहुंचे भाव

Holi  Ramadan Potato price: होली और रमजान के चलते आलू की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतें ₹25 प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। लखनऊ की फुटकर मंडियों में आलू की दरें एक हफ्ते में 15 से 18 रुपये से बढ़कर 25 रुपये हो गई हैं। अन्य सब्जियों की कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Mar 11, 2025

आलू की कीमतों में वृद्धि: त्योहारों का प्रभाव

आलू की कीमतों में वृद्धि: त्योहारों का प्रभाव

UP Potato prices Update: होली और रमजान के त्योहारों की नजदीकी के कारण उत्तर प्रदेश में आलू की मांग में तेजी आई है, जिससे इसकी कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। लखनऊ की फुटकर मंडियों में आलू के दाम, जो एक सप्ताह पहले तक 15 से 18 रुपये प्रति किलो थे, अब बढ़कर 25 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।

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चिप्स और पापड़ की बढ़ती मांग: कीमतों में वृद्धि का प्रमुख कारण

होली के अवसर पर घर-घर में चिप्स और पापड़ बनाने की परंपरा है, जिसके लिए आलू की मांग बढ़ जाती है। इस वर्ष, रमजान का महीना भी होली के आसपास है, जिससे आलू की खपत में और वृद्धि हुई है। इस बढ़ती मांग के कारण आलू की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।

अन्य सब्जियों की कीमतों में भी वृद्धि

आलू के साथ-साथ अन्य सब्जियों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। भिंडी 80 से 90 रुपये प्रति किलो, बैंगन 60 से 70 रुपये प्रति किलो, और बीन्स 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रही हैं। प्याज की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है, जिससे आम जनता को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ रहा है।

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थोक और फुटकर कीमतों में अंतर

लखनऊ की दुबग्गा मंडी में आलू की थोक कीमत 15 रुपये प्रति किलो है, जबकि फुटकर बाजार में यह 25 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। किसानों को आलू के लिए अभी भी 10 रुपये प्रति किलो तक ही मिल रहा है, जिससे थोक और फुटकर कीमतों में अंतर स्पष्ट होता है।

लहसुन की कीमतों में गिरावट

जहां एक ओर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है, वहीं लहसुन की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है। एक माह पहले तक लहसुन की कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी, लेकिन नई फसल आने के बाद थोक में लहसुन के भाव 60 रुपये प्रति किलो तक आ गए हैं। फुटकर बाजार में लहसुन अभी भी 100 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

आलू और अन्य सब्जियों की कीमतों में वृद्धि से उपभोक्ताओं के बजट पर असर पड़ा है। त्योहारों के मौसम में सब्जियों की बढ़ती कीमतें घरेलू खर्च को बढ़ा रही हैं, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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सरकार और व्यापारियों की भूमिका
बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार और व्यापारियों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और त्योहारों का आनंद बाधित न हो।

होली और रमजान के अवसर पर आलू और अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं। बढ़ती मांग के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और मूल्य नियंत्रण के उपायों की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सकें।