
फोटो सोर्स: पत्रिका
Tribute Girjesh Chaudhary: उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र को शुक्रवार को उस समय गहरा आघात पहुंचा, जब राज्य सूचना आयुक्त गिरजेश चौधरी का अचानक दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने से निधन हो गया। 62 वर्षीय चौधरी शुक्रवार को बस्ती जिले में एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। वहां अचानक उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। मौके पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने तुरंत प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई और उन्हें गंभीर हालत में लखनऊ के लारी कार्डियोलॉजी संस्थान लाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गिरजेश चौधरी एक सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी सेवा के दौरान विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य करते हुए उच्च मानकों की पारदर्शिता और न्यायप्रियता को बनाए रखा। उन्हें नवंबर 2022 में राज्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के प्रभावी कार्यान्वयन में उल्लेखनीय योगदान दिया।
उनकी कार्यशैली को अनुशासन पारदर्शिता और समयबद्धता के लिए जाना जाता था। कार्यालय में वे नियमित रूप से उपस्थित रहते थे और फाइलों का निपटारा स्वयं करते थे। बताया गया कि निधन से एक दिन पहले, यानी गुरुवार को उन्होंने अपने लखनऊ स्थित कार्यालय में लगभग 50 से अधिक मामलों की सुनवाई की और निर्णय सुनाए।
राज्य सूचना आयोग में गिरजेश चौधरी की नियुक्ति को एक मजबूत निर्णय के रूप में देखा गया था। उन्होंने आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से लिया और सूचना अधिकार के तहत प्राप्त आवेदनों का समय पर निपटारा सुनिश्चित किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में यह स्पष्ट किया था कि सरकारी पारदर्शिता केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक आदर्श होना चाहिए। उनके कार्यकाल में RTI आवेदनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी, और उन्होंने अधिकारियों को आदेशित किया था कि सभी विभाग समय से जवाब दें, अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई होगी।
चौधरी के निधन की खबर जैसे ही सामने आई, राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों, सूचना आयोग के कर्मचारियों और RTI कार्यकर्ताओं के बीच शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, "गिरजेश चौधरी एक अनुकरणीय प्रशासनिक अधिकारी थे। उनके निधन से राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है।" मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे।
गिरजेश चौधरी अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं। उनका परिवार लखनऊ में ही निवास करता है। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह पूर्णतः स्वस्थ थे और उन्हें कोई पूर्व रोग नहीं था। इसलिए उनका निधन परिवार के लिए एक अचानक और गहरा आघात है।
लारी कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों ने बताया कि चौधरी को जब अस्पताल लाया गया, तब उनकी पल्स और ब्लड प्रेशर नहीं मिल रहा था। कार्डियक अरेस्ट के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्हें तत्काल CPR दिया गया और रेससिटेशन की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वे प्रतिक्रिया नहीं दे सके।
राज्य सूचना आयोग के अन्य आयुक्तों ने कहा कि गिरजेश चौधरी एक मूल्य आधारित प्रशासक थे, जिनका फोकस सदैव जनता के हित में रहता था। राज्य मुख्य सचिव ने उन्हें "एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत" बताया। RTI कार्यकर्ता राघवेंद्र मिश्रा ने कहा, “वह उन दुर्लभ अधिकारियों में से थे जो हर सुनवाई को गंभीरता से लेते थे। उनके निर्णयों में न्यायिक दृष्टिकोण स्पष्ट नजर आता था।”
उनकी अंतिम यात्रा शनिवार को दोपहर लखनऊ के बैकुंठ धाम से निकाली जाएगी। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सूचना आयोग परिसर में एक शोकसभा आयोजित की गई है, जिसमें आयोग के सभी सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी और RTI कार्यकर्ता भाग लेंगे।
Published on:
23 May 2025 02:17 pm
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