
Owaisi Kejriwal
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunav) का बिगुल भले ही अभी बजा न हो, लेकिन सियासी बिसात बिछ चुकी है। प्रदेश के सभी दल सियासी कील कांटा फिट करने की जुगत में हैं। छोटी व स्थानीय पार्टियां भी बड़ा दम दिखाने के लिए तैयार हैं वहीं बाहरी पार्टियां में यूपी में दमखम दिखाने को आतुर हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (आप) व असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की है। यह दोनों दल विधानसभा चुनाव से पूर्व पंचायत चुनाव में जोर आजमाइश करेंगे। इसके अतिरिक्त जदयू (जनता दल यूनाइटेड) भी उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन तलाश रही है, तो रामदास अठावले की आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया) भी यूपी में संगठन को मजबूती दे रही है।
आप ने 40 विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी-
आम आदमी पार्टी अपनी छापामार राजनीति के जरिए फिलहाल स्कूल, अस्पतालों का हाल जानने निकल पड़ी है। यह ऐसे मुद्दे हैं, जनके बल पर वह दिल्ली में एकतरफा जीत हासिल करने में कामयाब रही थी। पार्टी के नेता सूबे में जिले-जिले जाकर व्यवस्थाओं की हकीकत परख अपने दिल्ली मॉडल को लोगों के घर-घर तक पहुंचाने में लग गए हैं। अपने अगले कदम में आप ने विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए 40 विधायकों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इनमें अधिकतर वह विधायक हैं, जो यहां से आते हैं या जिनके निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादातर यूपी के लोग रहते हैं। विधायकों का यूपी के इन मतदाताओं से अच्छा रिश्ता है, जिसके जरिए वह यूपी की सियासत में कदम रखेंगे। आप के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने कहा कि 40 विधायकों को कई निर्वाचन क्षेत्र सौंपे गए हैं। उन्हें यूपी में आने, यहां के सदस्यों से बात करने, उनका मार्गदर्शन करने व पार्टी की ताकत तथाकमजोरियों का आकलन करने के लिए कहा गया है। जिससे वे पार्टी के नेतृत्व पर विश्वास कर सकें। इससे भाजपा में भी खलबली मच गई है और सीधे-सीधे पार्टी नेता आप पर पलटवार कर रहे हैं।
ओवैसी भी सक्रिय-
बिहार में पांच सीटों पर जीत से गदगद असदुद्दीन औवैसी भी यूपी में सक्रिय हो गए हैं। एआईएमआईएम मिशन 2022 की तैयारियों में जुट गई है। ओवैसी, सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर के साथ पहले ही बिहार चुनाव में गठबंधन कर चुके हैं और अब पंचायत चुनाव के साथ वह यूपी की राजनीति में जगह बनाने की कोशिश करेंगे। हाल में आजमगढ़ दौरे पर आए ओवैसी ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साध कर सियासी सरगर्मी तेज दी थी। हालांकि भाजपा पर वह कुछ नहीं बोले।
जदयू भी चलाएगी अभियान-
यूपी विधानसभा चुनाव के मैदान में जदयू भी उतरेगी। 23-24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर लखनऊ में समारोह के बहाने जदयू के अभियान का आगाज होगा। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी पर इसकी जिम्मेदारी होगी। भाजपा से गठबंधन होगा, फिलहाल इसकी संभावनाओं से त्यागी ने इन्कार किया और कहा कि अभी यह तय नहीं है। मगर कर्पूरी जयंती पर कार्यक्रम के बाद गठबंधन की संभावनाओं को टटोला जाएगा। समान विचारधारा वाले दलों से प्रस्ताव आए तो पहल होगी नहीं तो हम अकेले ही लड़ने की तैयारी करेंगे।
Published on:
14 Jan 2021 04:30 pm
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