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Monkeypox Update : खतरनाक बीमारी मंकीपॉक्स क्या है? जानें इसके लक्षण और इलाज

Monkeypox Update कोरोना वायरस संक्रमण के साथ एक नई बीमारी दस्तक दे रही है। इस नई बीमारी का नाम है मंकीपॉक्स। मंकीपॉक्स को लेकर यूपी में विशेष सावधानी बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। और मंकीपॉक्स की गाइडलाइन तैयार कर रहा है। यह जानना जरूरी हो गया है कि, मंकीपॉक्स क्या है, मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है और कैसे फैलता है मंकीपॉक्स? जानें मंकीपॉक्स जुड़े सवालों के जवाब।

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Monkeypox Update: खतरनाक बीमारी मंकीपॉक्स क्या है? जानें इसके लक्षण और इलाज

Monkeypox Update: खतरनाक बीमारी मंकीपॉक्स क्या है? जानें इसके लक्षण और इलाज

कोरोना वायरस संक्रमण के साथ एक नई बीमारी ने अमेरिका सहित कई देशों में दस्तक दे दी है। इस नई बीमारी का नाम है मंकीपॉक्स। मंकीपॉक्स को लेकर यूपी में विशेष सावधानी बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। और मंकीपॉक्स की गाइडलाइन तैयार कर रहा है। बुधवार शाम तक मंकीपॉक्स की गाइडलाइन जारी कर देगा। सबसे जरूरी बात यह है कि बड़ी संख्या में विदेशों से लोग सीधे यूपी का रुख करते है। इसलिए यह जानना जरूरी हो गया है कि, मंकीपॉक्स क्या है, मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है और कैसे फैलता है मंकीपॉक्स? जानें मंकीपॉक्स जुड़े सवालों के जवाब।

बंदर में पाया जाता है मंकीपॉक्स

यूपी डीजी हेल्थ डॉ.वेदव्रत सिंह ने कहा कि, मंकीपॉक्स बंदर और अन्य जंगली जानवरों में पाया गया है। बंदरों के जरिए ही यह इंसानों में पहुंचा है, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है।

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मंकीपॉक्स क्या है?

डाक्टरों के अनुसार, मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक की तरह ही है। आमतौर पर यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है। यह एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है, जो वायरस का एक जीनस है जिसमें वेरियोला वायरस भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था। आमतौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। इंसानों में पहली बार यह मामला 1970 में दर्ज किया गया था।

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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, जानवर या वायरस से संक्रमित के संपर्क में आता है। वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में यह आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। पशु से इंसानों में यह काटने या खरोंच के माध्यम से फैल सकता है। मंकीपॉक्स को आमतौर पर सेक्सुअली फैलने वाला रोग नहीं माना जाता है, हालांकि सेक्स के दौरान यह एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है।

मंकीपॉक्स के लक्षण जानें

मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द शामिल हैं। मरीजों में आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिन बाद दाने निकल आते हैं। यह अक्सर चेहरे से शुरू होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है, जैसे हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में। दाने में खुजली भी होता है। संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्ते तक रहता है और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।

क्या है इसका इलाज?

मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं। जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है। रोगियों को अलग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थान और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का उपयोग करके हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स द्वारा निगरानी की जाती है। हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।

गाइडलाइन तैयार कर रहा है स्वास्थ्य विभाग

राज्य सर्विलांस अधिकारी डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि केंद्र के सावधानी बरतने के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय गाइडलाइन तैयार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था की जा रही है। यहां से सैंपल एनआईवी पुणे भेजे जाएंगे।