7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

योगी सरकार ने तय किया गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एक अप्रैल से शुरू होगी खरीदी, इस बार OTP से होगा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Mar 03, 2021

photo_2021-03-03_15-45-10.jpg

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों की उपज का समय से भुगतान हो, साथ ही सुनिश्चित किया जाये कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ.किसानों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार एक अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू कर देगी। एक मार्च से इसका पंजीकरण भी शुरू हो गया है। कोई भी किसान खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट (fcs.up.gov.in) पर पंजीकरण करा सकता है। इस बार गेहूं क्रय की अवधि 01 अप्रैल 2021 से 15 जून 2021 तक है। राज्य सरकार ने इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1975 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जो बीते वर्ष की तुलना में 50 रुपये ज्यादा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में छह हजार क्रय केन्द्रों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने के निर्देश देते हुए भंडारण गोदामों और सभी क्रय केंद्रों की जियो टैगिंग कराने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। एक सरकारी बयान के मुताबिक, 26 फरवरी को मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद 2021-22 संबंधी समय-सारिणी एवं प्रस्तावित क्रय नीति के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने का था कि गन्ना किसानों की तर्ज पर गेहूं किसानों के लिए भी ऑनलाइन पर्ची की सुविधा मुहैया कराई जाए। जिन क्रय एजेंसियों का रिकॉर्ड ठीक नहीं है, उन्हें काम नहीं दिये जाने के निर्देश भी सीएम ने दिये।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों की उपज का समय से भुगतान हो। साथ ही सुनिश्चित किया जाये कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। इसके लिए विभागीय अधिकारी गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी करने के साथ ही क्रय केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण भी करेंगे। गर्मी को देखते हुए क्रय केंद्रों पर छाजन, पेयजल और बैठने की आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 10वीं पास युवाओं को बिना गारंटी मिलता है 25 लाख तक लोन, ऐसे करें Apply

ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
गेहूं विक्रय के पूर्व किसी भी जन सुविधा केंद्र साइबर कैफे से खाद्य विभाग के पोर्टल (fcs.up.gov.in) पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। ध्यान रहे कि रजिस्ट्रेशन कराते समय आधार संख्या, आधार कार्ड में अंकित अपना नाम आदि सही से भरें।अपनी खतौनी में खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे एवं बोये गये गेहूं के रकबे को अंकित करें। संयुक्त भूमि की दशा में अपनी हिस्सेदारी की सही घोषणा पंजीयन में करें। पंजीकरण के लिए वर्तमान मोबाइल नंबर ही अंकित कराएं, क्योंकि इस वर्ष ओटीपी आधारित पंजीकरण की व्यवस्था है। रजिस्ट्रेशन पूर्ण करने के लिए आपके मोबाइल नंबर पर एमएमएस से ओटीपी आएगा, जिसे भरकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करें।

इन किसानों को दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान की खरीद के लिए पंजीकर करा चुके किसानों को गेहूं विक्रय के लिए दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि, उन्हें उक्त पंजीकरण को संशोधन कर पुन: लॉक कराना होगा।

यह भी पढ़ें : अगर आपके पास है राशन कार्ड तो मार्च से मुफ्त मिलेगा यह, नियम यूपी के सभी जिलों में लागू

बिक्री के बाद रसीद लेना न भूलें
गेहूं बिक्री के तुरंत बाद खरीद केंद्र प्रभारी से पावती यानी रसीद लेना नहीं भूलें। बिक्री के समय क्रय केंद्रों पर किसान के स्वयं उपस्थित न होने पर पंजीकरण प्रपत्र में परिवार के नामित सदस्य का विवरण एवं आधार नंबर फीड कराना अनिवार्य है।

सहायता के लिए यहां संपर्क करें
किसान किसी भी सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800 000 150 संबंधित जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी या फिर तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें : बिजली बिल में बड़ी छूट पाने का सुनहरा मौका, योजना सिर्फ 15 मार्च तक