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एक औरत दो किरदार, चंबल की डकैत और ममतामयी मां की कहानी सुन रो पड़ेंगे आप

Mother Day Special 2022: मां के प्रेम की कोई सीमा नहीं होती। जब बच्चों पर मुसीबत आती है तो मां अपनी जान भी हथेली पर रख देती है। मदर्स डे पर पेश है एक ऐसी ही कहानी...

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लखनऊ

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Snigdha Singh

May 07, 2022

Who is Seema Parihar in Chambal Know on Mother Day Special

Who is Seema Parihar in Chambal Know on Mother Day Special

चंबल, एक ऐसा शब्द है, जहां भी आता है जहन में अपने आप ही खून-खराबा और डकैती जैसी तमाम शब्द अपने साथ ले आता है। मातृ दिवस के खास मौके पर पत्रिका आपको एक ऐसी कहानी से रूबरू कराने जा रहा जो वाकई मातृत्व परिभाषा को बयां करेगी। यूपी के औरैया जिले के बबाइन गांव में एक टूटे मकान में 4 बहन और 2 भाई अपने मां-बाप के साथ सो रहे थे। अचानक तेज बारिश होने लगी, फिर घर के बाहर गोली चलने की आवाज आई। दरवाजा तोड़ते हुए 3 आदमी और एक औरत समेत 10 लोग घर के अंदर आए और गालियां देते हुए 13 साल की एक बच्ची को उठा कर चंबल के बीहड़ की तरफ ले गए। 13 साल की वह बच्ची कोई और नहीं बल्कि सीमा परिहार थी। सीमा परिहार जब बाहर नही निकल सकीं तो चंबल को ही अपनी दुनिया बना ली। यहां डाकू तो बनी ही लेकिन मां बनीं तो जीवन ही बदल गया।

चंबल में सीमा परिहार को निर्भय गुर्जर से प्या हुआ। लेकिन 2 साल बाद, साल 1997-98 में निर्भय से रिश्ता तोड़ने के बाद सीमा ने गैंग के मुखिया और अपने किडनैपर लालाराम से ही शादी कर ली। लालाराम सीमा से दोगुनी उम्र का था। साल 1999 में उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया। बच्चा 10 महीने का ही हुआ था कि साल 2000 में सीमा का पति लालाराम एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। अब सीमा अकेली हो चुकी थी। पुलिस लगातार सीमा को ढूंढ रही थी।

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बच्चे को लेकर भागती रही, 4-4 दिन रहीं भूखी

पुलिस से बचने के लिए सीमा अपने 10 महीने के बच्चे को लेकर बीहड़ों में यहां से वहां भाग रही थी। इंटरव्यू में सीमा ने बताया कि कई बार 4-4 दिनों तक खाना भी नहीं खाया। इसी तरह 4-5 महीने बीत गए। अंत में सीमा ने अपने बच्चे के लिए आत्म समर्पण करने का फैसला लिया। सीमा के बड़े भाई ने पुलिस से बात की। नौकरी, घर के लिए जमीन और बंदूक का लाइसेंस देने जैसी शर्तों के बाद सीमा ने 18 साल बाद आत्मसमर्पण कर दिया। सीमा 3 साल, 3 महीने तक जेल में रही। शुरुआती 6 महीने उसका बेटा भी उसके साथ जेल में रहा।

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बेटे की वजह से नहीं गई दोबारा चंबल

सीमा परिहार पर करीब 200 अपहरण, 70 हत्याओं और करीब 30 लूट के मामले दर्ज थे। जेल में रहते हुए सीमा ने 29 मुकदमों का सामना किया, जिसमें 8 हत्या और आधा दर्जन अपहरण के आरोप शामिल थे। जेल से छूटने के बाद सीमा दोबारा चंबल जाना चाहती थी। लेकिन अपने बेटे को चंबल से बाहर निकाल कर बेहतर इंसान बनाने के लिए चंबल की तरफ मुड़कर नहीं देखा। जेल से छूटने के बाद सीमा राजनीतिक पार्टी से जुड़ गई। अब अपने 23 साल के बेटे के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं।

इन मांओं ने भी चंबल में जन्मे बच्चे

सीमा परिहार के बाद डकैत चंदन की पत्नी रेनू यादव का नाम समाने आता है जिसने चंदन यादव से रिश्ते रखते हुए चंबल में एक बेटी को जन्म दिया। वहीं चंबल के खूंखार डाकू सलीम गुर्जर के साथ उसकी पत्नी सुरेखा दिवाकर करीब पांच साल बीहड़ में रहीं। सलीम गुर्जर 13 वर्षीय सुरेखा को उठा ले गया था। दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। 2 जून 2002 को पुलिस अभिरक्षा में सुरेखा ने बेटे सूरज को जन्म दिया। हालांकि अब चंबल में बदमाशों खत्म कर दिया गया।

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